अमेरिका में ट्रंप की नीतियों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन, हॉलीवुड सितारे भी शामिल वाशिंगटन,(ईएमएस)। अमेरिका की सड़कों पर रविवार को जश्न और प्रदर्शन दोनों हो रहे हैं। जश्न अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का जन्मदिन और अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ का मनाया जा रहा है। वही प्रदर्शन की वजह है राष्ट्रपति ट्रंप का जन्मदिन। मतलब ट्रंप का जन्मदिन और इस मौके पर अमेरिकी सेना की भव्य परेड का जश्न तो मनाया ही जा रहा है। इसे लेकर अमेरिका में व्यापक विरोध हो रहा है। बता दें डोनाल्ड ट्रंप ने 14 जून को अपना 79वां जन्मदिन मनाया। अमेरिका में जश्न मनाया जा रहा है। यह मौका अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ का भी है। इस मौके पर वॉशिंगटन डीसी में सेना की भव्य परेड आयोजित की जा रही है, जिसमें 6000 से ज्यादा सैनिक, 150 से ज्यादा बख्तरबंद गाड़ियों और 50 से ज्यादा लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया। इस भव्य परेड पर 350 करोड़ रुपए से ज्यादा की धन खर्च होने की बात कही जा रही है, जिसका वहां की जनता विरोध कर रही है। ट्रंप के विरोधियों का आरोप है कि अमेरिकी सेना की यह भव्य परेड ट्रंप के जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए कर रही है। इसे पूरी तरह से जनता के पैसे की बर्बादी और तानाशाही का प्रतीक बताया जा रहा है। इस परेड के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं जिनमें मार्क रफैलो जैसे हॉलीवुड सितारें भी शामिल हैं। सैन्य परेड में टैंक, बख्तरबंद वाहन और लड़ाकू विमान शामिल थे, जिसे एक तरह का शक्ति प्रदर्शन बताया जा रहा है। हालांकि ट्रंप प्रशासन का कहना है कि अमेरिकी सेना की स्थापना के 250 साल पूरा होने के मौके पर इस परेड का आयोजन किया गया है। इस सैन्य परेड में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। अमेरिकी सीक्रेट सर्विस ने 18 मील तक एंटी स्केल फेसिंग लगाई थी, लेकिन संयोग से ट्रंप के जन्मदिन के वक्त सैन्य परेड का आयोजन करने और उसमें भारी पैसा खर्च करने की वजह से इसका विरोध हो रहा है। ट्रंप ने परेड को देश की सैन्य ताकत का प्रदर्शन बताया लेकिन उन्होंने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी भी दी कि किसी भी हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। ट्रंप की नीतियों और सैन्य परेड को तानाशाही का प्रतीक मानते हुए नो किंग्स प्रोटेस्ट का आयोजन किया जा रहा है। ये प्रोटेस्ट देशभर में हो रहे हैं। नो किंग्स के बैनर के तहत देशभर में 1,500 से ज्यादा स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। एक संगठन इन प्रदर्शनों की अगुवाई कर रहा है। कई हॉलीवुड सितारों ने इन विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लिया। ये फिल्म स्टार्स मूल रूप से ट्रंप की नीतियों विशेष रूप से अवैध प्रवासियों के खिलाफ उनकी सख्त कार्रवाइयों के विरोध में हैं। ट्रंप के विरोधियों का दावा है कि परेड का आयोजन सेना की वर्षगांठ के बहाने किया गया, लेकिन इसका असली मकसद ट्रंप की व्यक्तिगत छवि को चमकाना है। इनका कहना है कि अमेरिका में सैन्य परेड की परंपरा नहीं है और 34 साल बाद ऐसी किसी परेड का आयोजन किया जा रहा है। 350 करोड़ रुपए की लागत को लेकर विपक्षी दलों और नागरिक संगठनों ने इसे टैक्सपेयर्स के पैसे की बर्बादी बताया है। ट्रंप पर सैन्यबलों का दुरुपयोग और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने के आरोप हैं। बता दें अमेरिका में राजनीतिक ध्रुवीकरण इस समय चरम पर है। ट्रंप समर्थक परेड को देश की सैन्य ताकत का प्रतीक मानते हैं, जबकि विरोधी इसे तानाशाही बता रहे हैं। सिराज/ईएमएस 15जून25 ------------------------------