15-Jun-2025
...


-दो घंटे कर सकेंगे दर्शन, सीमित संख्या में पास होंगे जारी अयोध्या,(ईएमएस)। अयोध्या में राम मंदिर की पहली मंजिल पर स्थापति राम दरबार अब भक्तों के लिए खोल दिया गया है। राम दरबार के दर्शन की व्यवस्था शुरू किए जाने को लेकर शनिवार देर शाम फैसला लिया गया। इसलिए शनिवार को सिर्फ दो स्लॉट शाम 5 से 7 और 7 से 9 बजे के लिए सीमित संख्या में पास जारी किए गए। जन्मभूमि मंदिर में दर्शन की परंपरा अब एक नए और भव्य रूप में परिवर्तित हो गई है। श्रद्धालु अब सिर्फ बाल स्वरूप रामलला के नहीं, बल्कि पूरे राम दरबार-राजा राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान के भी दर्शन कर सकेंगे। यह नई दर्शन-व्यवस्था आज से प्रभावी हो गई है, जिससे भक्तों में खासा उत्साह नजर आ रहा है। राम मंदिर ट्रस्ट ने दर्शन की सुविधा को व्यवस्थित और सुगम बनाने के लिए पूरे दिन को छह भागों में बांटा है। हर स्लॉट में 300 श्रद्धालु दर्शन करेंगे। प्रत्येक स्लॉट का समय दो घंटे रखा है। ट्रस्ट और जिला प्रशासन के बीच प्रत्येक स्लॉट के लिए कुल 150-150 पास तय किए गए हैं। इन्हें दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है। हर स्लॉट के 300 पास में से 150 पास जिला प्रशासन को और 150 पास ट्रस्ट को दिए जाएंगे। इनमें 100 पास विशेष दर्शन के लिए और 50 पास आसान पहुंच वाले दर्शन के लिए होंगे. इन पासों के जरिए श्रद्धालुओं को बेहतर और शांतिपूर्ण दर्शन अनुभव सुनिश्चित किया जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मीडिया प्रभारी ने बताया कि यह नई व्यवस्था श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव देने के उद्देश्य से की गई है। अब रामलला के साथ पूरा राम दरबार दर्शनार्थियों के लिए साक्षात होगा। राम दरबार का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह 5 जून को संपन्न हुआ था। इस अवसर पर श्रीराम के राजसी स्वरूप के साथ-साथ राम जन्मभूमि परिसर में नव-निर्मित आठ मंदिरों में विग्रहों की स्थापना की गई थी। राम दरबार में भगवान श्रीराम के साथ माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। ट्रस्ट के मुताबिक मंदिर परिसर में अन्य देवताओं की भी प्रतिष्ठा की गई है। पूर्वोत्तर कोने में भगवान शिव, दक्षिण-पूर्व में भगवान गणेश, दक्षिण में हनुमान जी, दक्षिण-पश्चिम में सूर्यदेव, उत्तर-पश्चिम में भगवती देवी, उत्तर में माता अन्नपूर्णा शामिल हैं। यह मंदिर पारंपरिक नागर शैली में निर्मित है. इसकी लंबाई 360 फीट, चौड़ाई 235 फीट और ऊंचाई 161 फीट है। यह 2.77 एकड़ क्षेत्र में फैला है और तीन मंजिला संरचना में निर्मित है। इसमें कुल 392 नक्काशीदार स्तंभ, 44 द्वार और हिंदू देवी-देवताओं की समृद्ध मूर्तिकला दिखाई देती है। दर्शन का निर्धारित सतय सुबह 7:00 से 9:00 बजे सुबह 9:00 से 11:00 बजे दोपहर 1:00 से 3:00 बजे दोपहर 3:00 से 5:00 बजे शाम 5:00 से 7:00 बजे रात 7:00 से 9:00 बजे सिराज/ईएमएस 15जून25