इस्लामाबाद,(ईएमएस)। इजरायल और ईरान के बीच चल रही जंग में पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ी हैं। तहरान में भगदड़ मची है लोग इधर से उधर हो रहे हैं। सभी को अपनी अपनी जान बचाने की पड़ रही है। ऐसे में पाकिस्तान ने अपनी सीमाएं सील का इस भी को आने से रोक दिया है। सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आ रही है कि ईरान और पाकिस्तान के बीच 909 किलोमीटर लंबे बॉर्डर पर किसी भी शख्स के आने पर रोक लगा दी गई है। इस वक्त लगातार इजरायल की तरफ से हो रहे अटैक के बाद ईरान की राजधानी तेहरान सहित देश के अन्य शहरों में भगदड़ जैसी स्थित है। लोग हमलों से बचने के लिए यहां-वहां भाग रहे हैं। ईरान-इजरायल जंग के बीच पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इजरायल की आलोचना करते हुए मुस्लिम एकता की बात कही, लेकिन परमाणु हमले की धमकी की खबरों को खारिज किया। इससे पहले ईरान के जनरल मोहसिन रजाई ने दावा किया था कि इजरायल अगर ईरान पर परमाणु हमला करेगा तो पाकिस्तान जवाबी परमाणु हमला करेगा। पाकिस्तान ने इसका खंडन किया। कहा गया कि पाकिस्तान की रणनीति क्षेत्रीय स्थिरता और आर्थिक हितों पर केंद्रित है, न कि परमाणु युद्ध पर। इजरायल ने ईरान के परमाणु केंद्रों और सैन्य ठिकानों पर जबर्दस्त बमबारी की है। जवाब में ईरान ने मिसाइल हमलों के साथ पलटवार किया। इस संघर्ष ने क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ाया है। ऐसे में पाकिस्तान का सीमा बंद करना उसके तनाव से प्रभावित होने का संकेत है। पाकिस्तान पहले भी बलूच विद्रोहियों और सीमा पार आतंकवाद के मुद्दों पर ईरान से तनाव का सामना कर चुका हैं। हाल की घटना से संकेत मिलता है कि पाकिस्तान क्षेत्रीय युद्ध के संभावित प्रभावों, जैसे शरणार्थी मूवमेंट, तस्करी या आतंकी गतिविधियों से बचने के लिए सतर्क हो रहा है। शहबाज शरीफ सरकार का यह कदम उसकी जटिल भू-राजनीतिक स्थिति को भी उजागर करता है। एक ओर पाकिस्तान ने इजरायल के हमलों की निंदा करते हुए ईरान के प्रति एकजुटता दिखाई है। दूसरी ओर वह अमेरिका और सऊदी अरब जैसे सहयोगियों के साथ अपने संबंधों को संतुलित करने की कोशिश कर रहा है, जो ईरान के विरोधी हैं। सीमा बंद करना पाकिस्तान की रणनीति का हिस्सा हो सकता है ताकि वह क्षेत्रीय संघर्ष में उलझने से बच सके और अपनी आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित कर सके। वीरेंद्र/ईएमएस/17जून2025