निकोसिया,(ईएमएस)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्होंने और साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने पश्चिम एशिया और यूरोप में चल रहे संघर्षों पर चिंता जाहिर की। अपनी यात्रा के दौरान, मोदी और क्रिस्टोडौलिडेस ने एक इमारत की छत से निकोसिया के निकटवर्ती पहाड़ों को भी देखा, जो तुर्किये के नियंत्रण में हैं। इससे तुर्किये को एक संदेश मिला होगा, जो कि हाल में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान खुलकर इस्लामाबाद का समर्थन किया था। इसके पहले पीएम मोदी 15 जून को साइप्रस पहुंचे, जहां उनका बड़ी गर्मजोशी से स्वागत हुआ। साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस सारे प्रोटोकॉल को दरकिनार कर खुद पीएम मोदी का स्वागत करने एयरपोर्ट पहुंचे। पीएम मोदी की इस मौके पर ऐसी बात कही जिससे तुर्की को मिर्ची लग सकती है, जो पाकिस्तान को भाई कहता है। भारत और साइप्रस दोनों का मानना है कि यह युद्ध का युग नहीं है। पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में साइप्रस की ओर से मिले समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। वहीं पीएम मोदी ने भी यात्रा के दौरान साइप्रस की स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का जोरदार समर्थन किया। दरअसल, साइप्रस के एक हिस्से पर तुर्की अपना दावा करता है। इसी वजह से दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं। साइप्रस के साथ एकजुटता दिखाने के लिए पीएम मोदी साइप्रस की राजधानी निकोसिया का दौरा किया। राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस के साथ पीएम मोदी ग्रीन लाइन भी गए। यह एक यूएन-नियंत्रित क्षेत्र है जो उत्तरी साइप्रस को, जिस पर 1974 में तुर्की सेना ने कब्जा किया था। इस साइप्रस गणराज्य से अलग करता है। इस मौके पर पीएम मोदी की तस्वीर भी तुर्की के नियंत्रण वाले उत्तरी क्षेत्र के झंडे की पृष्ठभूमि में खींची गई। ये एक्शन ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की ने जिस तरह पाकिस्तान को सपोर्ट दिया और राष्ट्रपति एर्दोगन के कश्मीर पर बार-बार की गई टिप्पणियों का करारा जवाब माना जा रहा। आशीष दुबे / 17 जून 2025