तेलअवीव (ईएमएस)। क्षेत्रफल के लिहाज़ से ईरान 17,48,000 वर्ग किमी है तो इज़रायल 22,000 वर्ग किमी यानि 80 गुने का अंतर। आबादी एक ओर 8.9 करोड़ तो यहूदी देश की आबादी मुश्किल से 1 करोड़। ईरान में 21 प्रांत हैं तो इजरायल में केवल 6 प्रशासनिक शहर। फिर भी जब बात मध्य-पूर्व की भू-राजनीति और ताकत की होती है, तो इज़रायल का असर ईरान पर भारी पड़ता है। आखिर क्या है वजह। केवल 76 साल पुराना छोटा सा देश हजारों साल पुराने देश पर इस कदर भारी पड़ रहा है। ईरान में प्रति व्यक्ति जीडीपी 4400 डॉलर है तो इजरायल में 53,000 डॉलर। यानि प्रति व्यक्ति कमाई में इजरायल बहुत आगे है। इसी वजह से ईरान से बहुत ज्यादा संपन्न भी है। ईरान पर इजरायल के भारी पड़ने की मुख्य वजह उसकी तकनीकी और सैन्य श्रेष्ठता है। वो बेशक छोटा है, लेकिन उसकी डिफेंस टेक्नोलॉजी, साइबर इंटेलिजेंस और स्पेशल ऑपरेशन फोर्स दुनिया में टॉप पर माना जाता है। उसका एयर डिफेंस सिस्टम उसका काफी हद तक बचाता है। मोसाद जैसी खुफिया एजेंसी के बारे में कहा जाता है कि वो ईरान के हर बड़े नेता से लेकर सैन्य कमांडर और साइंटिस्ट को ट्रैक करने में सक्षम है। उनका रोज का आना जाना, ठहरना सबकुछ उसको मालूम है। कहा जाता है कि ईरान के हर संवेदनशील जगह पर इजरायल का ट्रिगर है, तेल के कुओं से लेकर हर बड़े और अहम शख्स के घर तक। 16 जून को ही उसने ईरान के 100 मिलिट्री टारगेट एक झटके में तबाह कर दिए। वह जहां चाहता है उस जगह और शख्स को टारगेट बनाने में सक्षम है। ईरान दुनिया के सबसे बड़े देशों में एक है। इजरायल और ईरान का नक्शा सामने रखें तो साफ पता चल जाएगा कि इजरायल उसके एक छोटे से हिस्से की तरह है। ईरान उससे 80 गुना ज्यादा बड़ा है आबादी में आठ गुना लेकिन तब भी क्या वजह है कि ये छोटा सा देश भी उसे पटखनी दे रहा है। हर लिहाज से उससे आगे हो चुका है। ईरान दुनिया के सबसे पुराने देशों में एक है। यहां मानव सभ्यता के प्रमाण लगभग एक लाख साल पुराने मिलते हैं। 5000 ईसा पूर्व से यहां खेती और बस्तियां विकसित हो चुकी थीं। ईरान का ऐतिहासिक नाम ‘फारस’ है। ईरान की संस्कृति, धर्म, कला और शासन का इतिहास हजारों साल पुराना है। उसकी तुलना में इजरायल कमोवेश एकदम नया देश है, मुश्किल से 76 साल पुराना। इस देश को यहूदियों ने मिलकर बनाया। ईरान में महंगाई 35-45 फीसदी रहती है और अस्थिर है तो इजरायल की महंगाई 2.8 फीसदी और स्थिर। बेरोजगारी भी ईरान में बहुत है तो जीवन प्रत्याशा भी इजरायल की तुलना में कम। स्वास्थ्य सेवाएं ईरान में बहुत लचर हैं। लोगों को तरीके से इलाज मिल नहीं पाता वहीं इजरायल में हर शख्स के लिए इलाज बेहतरीन है और गंभीर के गंभीर रोगों के इलाज में उन्होंने बहुत काम किया। आधुनिक चिकित्सा में वह दुनिया में अपनी एक जगह रखते हैं। वीरेंद्र/ईएमएस 18 जून 2025