क्षेत्रीय
18-Jun-2025
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बदहाली और अव्यवस्था की बानगी बना गुना जिला अस्पताल का प्रसूति वार्ड, स्टाफ की भी मनमानी और लापरवाही चरम पर गुना (ईएमएस)। जिला अस्पताल के प्रसूति वार्ड की दुर्दशा एक बार फिर उजागर हो गई है। अभी बारिश का पूरा मौसम शुरू भी नहीं हुआ है और अस्पताल की छतें टपकने लगी हैं। मंगलवार-बुधवार रात हुई हल्की बारिश के बाद प्रसूति गृह की हालत इतनी खराब हो गई कि वार्ड के भीतर चारों तरफ पानी भर गया। इस दौरान वार्ड में भर्ती प्रसूताएं पलंग पर लेटी हुई थीं, उन्हें ड्रिप लगी थी और ठीक नीचे पानी बह रहा था। यह नजारा किसी भी संवेदनशील व्यक्ति को झकझोरने के लिए काफी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की नींद अब भी नहीं खुली है। वार्ड के भीतर पानी की टपकन और भरे हुए जल के बीच लेटी महिलाओं की स्थिति दयनीय हो गई। कई महिलाएं डर के मारे अपने पलंग पर सिमटकर बैठ गईं तो कई ने अपने नवजात बच्चों को गोद में लेकर सुरक्षित जगह तलाशने की कोशिश की। परिजनों ने बाल्टी, तसले और चादरों से पानी को रोकने के जतन किए, लेकिन छत से लगातार गिरती बूंदों ने उन्हें भी बेबस कर दिया। स्थिति इतनी खराब थी कि किसी भी महिला को गंभीर संक्रमण हो सकता था, लेकिन जिम्मेदार अफसरों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। यह हाल तब है जब अस्पताल का यह वार्ड पहले से ही अपने अव्यवस्था, रिश्वतखोरी और लापरवाही के लिए बदनाम है। महिलाओं को भर्ती करते समय डॉक्टरों और स्टाफ द्वारा खुलेआम पैसे की मांग की जाती है। जिनके पास पैसे नहीं होते, उन्हें अक्सर इलाज से वंचित कर प्रायवेट अस्पताल भेजने की धमकी दी जाती है। कई बार इस कारण जच्चा और बच्चा की जान तक चली जाती है। अब छतों से टपकता पानी, बदहाल भवन और संसाधनों की कमी प्रसूति गृह को मौत का घर बनाते जा रहे हैं। इस बदइंतजामी के बीच जच्चा-बच्चा पूरी तरह भगवान भरोसे हैं। प्रशासन की ओर से अब तक न तो कोई निरीक्षण किया गया है और न ही कोई जिम्मेदार कार्रवाई हुई है। यदि समय रहते इन हालातों पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले दिनों में कोई बड़ी अनहोनी टाली नहीं जा सकेगी। जनता अब उम्मीद लगाए बैठी है कि जिला प्रशासन इस गंभीर लापरवाही पर संज्ञान लेकर अस्पताल में जरूरी मरम्मत और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करेगा, जिससे प्रसूताएं सुरक्षित माहौल में उपचार पा सकें। सीताराम नाटानी , 18 जून, 2025