18-Jun-2025
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यह स्मृति वन दादा गुरु के तप को समर्पित है, जरारुधाम की तपस्थली में तपस्वी पधारे और उनकी स्मृति में हम सब शामिल हुये-पंचायत मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल दमोह (ईएमएस)। प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने दादा गुरू जी के निराहार 1705 वें दिन जरारूधाम में स्वागत वंदन किया। दादागुरू ने जरारूधाम में वृक्षों एवं भगवान शंकर का पूजन किया। गौ-अभ्यारण जरारूधाम में नर्मदाखंड सेवा संस्थान ने आज दादागुरू के निराहार 1705 दिन होने पर 1705 पौधों का रोपण किया। इस अवसर पर पशुपालन, डेयरी विभाग के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार लखन पटैल, विधायक बण्डा वीरेन्द्र सिंह लम्बरदार, जिला पंचायत अध्यक्ष रंजीता गौरव पटैल, पूर्व विधायक प्रदुम्न सिंह लोधी, नर्मदाखंड सेवा संस्थान के अध्यक्ष नरेन्द्र बजाज, जनपद अध्यक्ष गंगाराम पटैल, प्रीति राजू कमल ठाकुर, जिला पंचायत सीईओ प्रवीण फुलपगारे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा आदि सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि मौजूद थे। पौधों का पूजन करते हुये दादा गुरू ने कहा जिस प्रकार मठ की शोभा मूर्ति से होती है, वैसे ही हमारे ग्राम, नगर की जीवंतता पेड़-पौधो से है, जैसे मठ में मूर्ति की स्थापना की और पत्थर में हमने भगवान, ईश्वर और परात्मा को पाया, अब वक्त आ गया है, अब पेड़-पौधो में भी भगवान को देखना शुरू कर दो तब ही यह संरक्षित हो पायेगा, तब ही यह सार्थक हो पायेगा। यह पेड़ नही लगाया हमने स्वयं परात्मा की जीवंत मूर्ति को स्थापित किया है। मां नर्मदा के भक्त दादा गुरू ने कहा जरारूधाम को हम सिद्व क्षेत्र और आदि तीर्थ भी हम कह सकते है, जरारूधाम गौ अभ्यारण्य मतलब शक्तियों का प्रत्यक्ष रूप जैसे कि रामचरित्र मानस के सुंदरकांड में जरारू का बहुत अच्छा सूत्र है, जो ईश्वर की शक्ति की सगुण उपासना इसी प्रकार जरारूधाम में शक्ति सगुण है, हमने शक्तियों को प्रत्यक्ष पाया है, जरारूधाम में जल के रूप में भी शक्ति है, यदि कोई वृक्ष की पूजा या प्रणाम भी कर रहा है, तो वह ईश्वर की शक्ति की सगुण उपासना कर रहा है, जरारूधाम तीर्थक्षेत्र में चाहे गौ के रूप में हो या चाहे देवगंगा के रूप में हो यहॉ दो शक्तियॉ प्रत्यक्ष रूप में मिल जायेगी विचरण करते हुए हम इस माटी को भी मॉ के रूप में देखते है, यह माटी, धरा साधारण नही है, यह देवधरा और देवभूमि भी कह सकते है, यहॉ पर आने का और सेवा करने का सौभागय मिल जाये तो समझ लेना सहस्त्र कोटि का यज्ञ हो गया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा एक सुखद संयोग है, मॉ नर्मदा के अनन्य भक्त दादा गुरू को माँ नर्मदा के जल पर 1700 दिन पूरे हो गए, कल 1705 दिन होंगे, उस उपलक्ष्य में स्वयं दादा गुरु दमोह के जरारू धाम पधारे और हम सभी जितने भी जरारूधाम के सहयोगी हैं, उसमें मीडियाजन भी शामिल हैं। दादा गुरु के दर्शन हुये, ऐसी दिव्यमूर्ति जो लगभग 5 साल से मॉ नर्मदा के जल पर है और जितना वह तेजी से चलते हैं, जरारूधाम पुण्यभूमि का तप है, इस दौरान यहॉ आये। पंचायत मंत्री श्री पटेल ने कहा जरारूधाम में प्रतिवर्ष तीन बार वृक्षारोपण होते है, 28 जून, 17 सितंबर और स्थापना दिवस पर हम यहाँ वृक्षारोपण करते है। लेकिन इस बार निमित्त है दादागुरु के 1705 दिन जल पर हुए हैं, शायद इतिहास में कभी कोई ऐसी प्रतिमूर्ति अभी तक ज्ञात नहीं है, जब उनके 1700 दिन पूर्ण हुए। आज 1705 पौधों का रोपण हो रहा है, यह स्मृति वन दादा गुरु के तप को समर्पित है, जरारुधाम की तपस्थली में तपस्वी पधारे और उनकी स्मृति में हम सब शामिल है, सभी ने पौधों का रोपण किया है, पिछली बार हमने 10,000 पौधे लगाये थे और कहा था कि 3 साल बाद जिसका मन करें गिन सकता है, आज के दिन 1705 पौधे दादा गुरु की तपस्या की स्मृति में उनको समर्पित है इसलिए आज सभी बेटे-बेटियों, सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं, पत्रकार बंधुओं, अधिकारियों, कर्मचारियों सबका मैं आभार व्यक्त करता हूँ। पशुपालन एवं डेयरी विकास राज्यमंत्री लखन पटेल ने कहा में पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल का धन्यवाद करना चाहता हूँ कि उन्होंने हमारे देश के एक बड़े संतों में से एक हैं दादा गुरूजी, जिन्होंने 1705 दिन से जल के अलावा कोई चीज़ ग्रहण नहीं की, उनका अभी मेडिकल चेक अप 7 दिन तक हुआ। जिसमें कि डॉक्टरों की टीम ने मेडिकल चेकअप किया कि एनर्जी कैसे आ रही है, लेकिन कुछ समझ नहीं आया क्या है क्या नहीं है, तो प्रभु की कृपा लगती है, कि दादागुरू को मॉ नर्मदा के जल पर 1705 दिन हुए उन 1705 दिन के अवसर में 1705 पौधे लगाए जा रहे हैं। इस अवसर पर मैं सभी जनप्रतिनिधि, बंडा विधायक, पूर्व विधायक, जनपद सदस्य, जनपद अध्यक्ष सबका में धन्यवाद करना चाहता हूँ कि इस पावन काम में अपना समय दिया। राज्यमंत्री श्री पटेल ने कहा मैं जब यहाँ नीचे आया तो मुझे लगा कि जरारूधाम तो बिल्कुल बदल गया। हम लोग पहले भी आया करते थे तो पेड़ के नाम पर कुछ भी नहीं था सिर्फ पत्थर ही पत्थर थे और आज सघन जंगल दिख रहा है, यह प्रहलाद पटेल जी की सोच और यहाँ के लोगों का समर्पण का परिणाम है, पिछले साल भी हम लोगों ने बहुत सारे पौधे लगाए थे जो बहुत अच्छी स्थिति में हैं और आज जो 1705 पौधे लगाए जा रहे हैं, यह भी आने वाले 2- 3 साल में जंगल में तब्दील हो जायेगे तो सारे फलदार पौधे हैं तो निश्चित रूप से यहाँ लोगों को लाभ मिलेगा। बंडा विधायक वीरेन्द्र सिंह लंबरदर ने कहा बहुत अच्छा काम हो रहा है, इससे अच्छा काम दूसरा हो नहीं सकता, प्रकृति और पर्यावरण के हिसाब से एक ऐसे संत की याद में जो आज हमारे बीच में पहुँच रहे हैं, दादा गुरु जो निरंतर 1705 दिन से सिर्फ जल पर निर्भर है, तो उनकी स्मृति में 1705 पौधे जरारूधाम में रोपित किये जायेगे, मंत्री प्रहलाद पटेल के सहयोग से जरारूधाम एकअद्भुत धाम बनकर के तैयार हो गया है, हम लोग भी प्रयास करते हैं कि जरारूधाम यादगार स्थान बन जाए जिससे कि आगे आने वाली पीढ़ी भी याद करें कि जरारूधाम एक विशाल अभ्यारण है, जैसा कि हम देख रहे हैं छायादार वृक्ष के अलावा फलदार वृक्ष जिससे हमारी आने वाली पीढ़ियों को फल भी मिलेंगे और छाया भी मिलेगी तो एक बार पुनः मंत्री प्रहलाद पटेल को धन्यवाद करता हूँ, दादा गुरु को प्रणाम करता हूँ। जिला पंचायत अध्यक्ष रंजीता पटेल गौरव पटैल ने कहा आज का दिन बहुत शुभ है, मॅा नर्मदा के भक्त दादा गुरु का आज हमारे जरारू धाम में आगमन हुआ है, जिन्होंने 1705 दिन हो गए उन्होंने आहार नहीं लिया है तो आज मंत्री प्रहलाद पटेल और हम सभी ने यहाँ आकर 1705 वृक्ष लगाए हैं और जैसे मंत्री प्रहलाद पटेल जी का मानना है कि सिर्फ वृक्ष लगाने से कुछ नहीं होता है, शून्य से पूर्णता तक काम होना चाहिए, वैसे ही ये वृक्ष सिर्फ लगाए नहीं जाते। इनकी देखभाल भी की जाती है, मंत्री श्री पटेल के नेतृत्व में मुझे आज बहुत खुशी हो रही है कि आज हमारी इस पवित्र जरारू धाम की भूमि पर संत दादा गुरु का आगमन हो रहा है, यह तपोस्थली और भी पवित्र हो गई है, आप सभी ने पहले देखा होगा की यहाँ सिर्फ पत्थर ही पत्थर दिखते थे, लेकिन आज यहाँ चारों तरफ हरियाली है। नर्मदाखंड सेवा संस्थान के अध्यक्ष नरेंद्र बजाज ने कहा दादागुरू का 1705 दिवस है जो सिर्फ जल पर चल रहे हैं, निराहार हैं। उस उपलक्ष्य में हम जरारूधाम गौ अभ्यारण में 1705 पौधों का रोपण कर रहे हैं, जैसा कि अभी दादा गुरु ने कहा है पौधों का रोपण नहीं है। यह एक मूर्तियों का रोपण है जो कि शिव की आकृति है और यह एक दिव्य शक्ति का एक रूप है। जरारूधाम में हम लोग इस तरह से 1705 दिव्य शक्ति का आज रोपण कर रहे हैं साथ ही सारी विधानसभाओं से जिसमें बड़ामलहरा, बंडा, देवरी, दमोह, पथरिया, हटा से सब लोग आये हुए है और यहाँ पर 1705 पौधों का रोपण किया है। इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण, पंचायत प्रतिनिधि, महिलाए एवं बच्चे, अधिकारी-कर्मचारीगण, सम्मानीय मीडियाजन मौजूद रहे। ईएमएस / 18 जून 2025