अंतर्राष्ट्रीय
19-Jun-2025
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- नहीं मिली मदद तब चरमरा सकती रक्षा प्रणाली तेल अवीव (ईएमएस)। ईरान के साथ जारी भीषण युद्ध में इजरायल भले ही ईरान के सैन्य ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचाने का दावा कर रहा हो, लेकिन उसकी मिसाइल रक्षात्मक प्रणाली पर जबरदस्त दबाव बना हुआ है। अमेरिका की खुफिया रिपोर्टों के हवाले से बताया कि इजरायल के लॉन्ग-रेंज मिसाइल इंटरसेप्टर्स की आपूर्ति तेजी से खत्म हो रही है, जिससे उसकी रक्षा क्षमताओं की स्थिरता पर सवाल पैदा हो रहे हैं। ईरान ने बीते शुक्रवार से अब तक इजरायल पर करीब 400 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। वहीं, इजरायल के पास करीब 10–12 दिन का ही इंटरसेप्टर स्टॉक बचा है। यदि हमले इसी गति से जारी रहे तब इजरायल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बता दें कि सिर्फ एरो सिस्टम का एक इंटरसेप्टर लगभग 25 करोड़ रुपये का पड़ता है। एक रिपोर्ट में कहा है कि रातभर के मिसाइल रक्षा पर 1 अरब शेकेल यानी कि 2380 करोड़ रुपये खर्च हो रहा है। ऑपरेशन राइजिंग लायन की शुरुआत के बाद से इजरायल ने ईरान पर कई हवाई हमले किए। सैन्य, परमाणु और संबंधित ठिकानों को निशाना बनाया गया। इजरायल ने ईरान के तीन में से एक मिसाइल लॉन्चर को तबाह कर दिया है। हालांकि, ईरान की 2000 मिसाइलों में से आधे से अधिक अब भी उसके पास मौजूद हैं। उनमें से कई गुप्त भूमिगत ठिकानों में छिपी होने की आशंका है। इजरायल की मल्टी-लेयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम में एयर डोम, एरो और अमेरिका से मिली पेट्रियट और थाडा शामिल हैं। ये सभी अब अत्यधिक दबाव में हैं। एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया कि सिस्टम पहले ही थक चुका है। जल्द ही इजरायल को यह तय करना होगा कि कौन सी मिसाइलों को इंटरसेप्ट किया जाए और किन्हें नहीं। शुक्रवार की रात कुछ ईरानी मिसाइलें डिफेंस सिस्टम को चकमा देकर तेलअवीव में आईडीएफ मुख्यालय के पास गिरीं। रविवार को, एक मिसाइल हमले के चलते हाइफा के पास एक तेल रिफाइनरी बंद करनी पड़ी। अब तक इजरायल की सरकार ने 24 लोगों की मौत और 600 से अधिक घायल होने की पुष्टि की है। इजरायल के लिए अब सबसे महंगे और एडवांस्ड डिफेंस शील्ड को बचाए रखने की चुनौती गंभीर होती जा रही है। इसके बाद यदि अमेरिका से जल्द इंटरसेप्टर की आपूर्ति या प्रत्यक्ष सैन्य मदद नहीं मिलती है, तब इजरायल की रक्षा प्रणाली अगले कुछ दिनों में चरमरा सकती है। आशीष/ईएमएस 19 जून 2025