वाराणसी (ईएमएस)। वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई को काशी की माटी ने ही स्वतंत्र रहना सिखाया। काशी से मिले संस्कारों के बल पर ही उन्होंने जीवन की हर लड़ाई जीती। यह बातें संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विशंभर नाथ मिश्रा ने कहीं। वह रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि पर भदेनी स्थित जन्मस्थली पर आयोजित दो दिवसीय समारोह के अंतिम दिन बुधवार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा की रानी लक्ष्मीबाई ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने प्रमाणित कर दिया कि महिलाएं उसे दौर में भी किसी से कम नहीं थी और आज भी नहीं है।महिलाएं चाहे तो देश और समाज को बदल सकती हैं।जागृति फाउंडेशन के समारोह में विशिष्ट अतिथि साहित्यकार डॉ जयप्रकाश मिश्र, नागेश सिंह, रामेश्वर मठ के प्रबंधक डॉ.वरुणेश चंद्र दीक्षित, स्वामी नारायण तीर्थ वेद विद्यालय के प्राचार्य जयंत पति त्रिपाठी, बी एच यू के प्रो. एन के दुबे व उमाशंकर गुप्ता ने भी विचार व्यक्त किया। संचालन रामजस मिश्रा ने किया। डॉ नरसिंह राम,ईएमएस,19 जून, 2025