राज्य
19-Jun-2025
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-आने वाली पीढ़ी सिकलसेल से ग्रसित न हो इसके लिए जरूरी है जनजागरूकता-महामहिम राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल बच्चों के विवाह के पूर्व कुण्डली मिलाने के साथ सिकलसेल के जेनेटिक कार्ड को भी अवश्य मिलाये- महामहिम राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल जनजागरूकता एवं संकल्प से ही इस बीमारी को किया जा सकता है नियंत्रित- महामहिम राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल बड़वानी (ईएमएस) । जनजातीय समाज में सिकलसेल बीमारी आनुवांशिक होकर लोगों को जकड़ रही है। जनजातीय समाज को इस बीमारी से मुक्ति दिलाने एवं आने वाली पीढ़ी के बच्चों को इस बीमारी के कुचक्र से बचाने के लिए जनजागरूकता जरूरी है। जनजागरूकता के लिए यह आवश्यक है कि लोग स्वयं अपनी स्क्रीनिंग कराये साथ ही विवाह के पूर्व कुण्डली मिलाने के साथ-साथ सिकलसेल के जेनेटिक कार्ड का भी मिलान करे। क्योंकि अगर माता-पिता को सिकलसेल है तो बच्चों में अनिवार्य रूप से होगा। प्रदेश के महामहिम राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल ने उक्त बाते गुरूवार को विश्व सिकलसेल दिवस के अवसर पर ग्राम तलून में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही। इस दौरान राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि पूरे विश्व में जहां पर भी सिकलसेल के रोगी है वहां पर कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। बड़ी संख्या में रोगी एवं वाहक होने से बड़वानी जिले को कार्यक्रम के आयोजन हेतु चुना गया। जिससे कि इस जिले के वासी जागरूक होकर इस बीमारी से स्वयं को, अपने परिवार को एवं आने वाली पीढ़ी को बचाये। रोगी एवं वाहक दोनों ही अपनी जांच कराये एवं सही उपचार सही समय पर ले, सही उपचार से काफी हद तक इस बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है। कार्यक्रम के दौरान महामहिम राज्यपाल ने गर्भवती महिलाओं के लिए सिकल सेल रोग के संपूर्ण प्रबंधन हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई मार्गदर्शिका का विमोचन भी किया। सिकलसेल जागरूकता प्रदर्शनी का अवलोकन महामहिम राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल का आगमन ग्राम तलून मे सुबह 11 बजे हुआ। इस दौरान मुख्य कार्यक्रम स्थल पर स्थानीय कलाकारों ने जनजातीय नृत्य के माध्यम से जनजातीय संस्कृति एवं परंपरा को बखूबी प्रदर्शित किया। मुख्य कार्यक्रम स्थल पर सर्वप्रथम महामहिम राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ स्वास्थ, आयुष विभाग एवं सामाजिक न्याय विभाग द्वारा सिकलसेल जागरूकता हेतु लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाई गई इस प्रदर्शनी में विभिन्न काउंटर पर सिकल सेल जागरुकता एवं प्रबंधन की विस्तृत जानकारी दी गई। वही आयुष विभाग द्वारा योगाभ्यास तथा आयुर्वेदिक दवाईयों के माध्यम से सिकलसेल बीमारी के उपचार के द्वारा बताया गया। मुख्यमंत्री जी ने किया वर्चुअल संबोधन प्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव भी कार्यक्रम में इन्दौर के एनआईसी कक्ष से वेब कास्टिंग के माध्यम से वर्चुअल रूप से जुड़े । इस दौरान मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सिकलसेल बीमारी में रक्त कोशिकाएं सिकुड़ने के कारण छल्ला बनने से लाल रक्त कणिकाएं अर्द्ध चंन्द्राकार या हासिये के आकार की हो जाती है, जिससे आक्सीजन प्रवाह बाधित होता है। जिससे कि मरीज को अत्यंत शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिसे यह बीमारी होती है, वह ही इस बीमारी की पीढ़ा को समझ सकता है, आप और हम तो शब्दों में बयां भी नही कर सकते। सही समय पर एवं सही उपचार से इस बीमारी से होने वाली पीढ़ा से बचा जा सकता है। प्रदेश की सरकार ने संकल्प लिया है कि इस बीमारी से ग्रसित लोगो को स्वास्थ्य एवं आयुष विभाग की दवाईयों के माध्यम से इस बीमारी के कुचक्र से बचाना है। बड़वानी जिले के वासियों से यह अपील है कि वे दृढ़ संकल्प ले एवं इस बीमारी को अपनी आने वाली पीढ़ी को न होने दे। इस दौरान मुख्यमंत्री जी ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी केे लिए खरगोन जिले में मेडिकल कालेज खोला जायेगा। राष्ट्रपति के संदेश का किया वाचन कार्यक्रम के दौरान उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने देश की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती र्दोपदी मुर्मू जी के विश्व सिकलसेल दिवस के अवसर पर जिले वासियों को भेजे संदेश का भी वाचन किया। इस दौरान उन्होने कहा कि सिकलसेल की स्क्रीनिंग को बढ़ाने के लिए 01 जुलाई से प्रदेश में 100 दिन का विशेष स्क्रीनिंग अभियान भी प्रारंभ किया जायेगा। जिसमें स्क्रीनिंग, जेनेटिक कार्ड, सिकल मित्र बनाये जायेंगे। सिकलसेल रोगियों ने सांझा किये अनुभव कार्यक्रम के दौरान मंच से अलीराजपुर निवासी एमडी डाॅ. आशा बघेल ने बताया कि वे सिकलसेल बीमारी से ग्रसित है, एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान उन्हे पता चला कि वे रोगी है, परन्तु उन्होने हार नही मानी एवं एमबीबीएस तथा एमडी की पढ़ाई पूरी की और अपना समस्त उपचार लिया जिससे कि वे एक सामान्य जीवन जी पा रही है। वही जिले के उप स्वास्थ्य केन्द्र पोषपुर की सीएचओ श्रीमती राधा चैहान ने अपने अनुभव सांझा करते हुए बताया कि 23 वर्ष की उम्र में उन्हे पता चला कि वे सिकलसेल वाहक है, उन्होने आत्मविश्वास एवं उपचार के साथ अपनी पढ़ाई पूरी की। जब उनकी शादी की बात आई तो उन्होने सबसे पहले अपने जेनेटिक कार्ड का मिलान किया। उनके पति का भी सिकलसेल परीक्षण करवाया जिसमें वे सामान्य पाये गये। वर्तमान में उनकी एक बेटी है जो वर्तमान में पूर्णतः स्वस्थ्य है एवं उसमें यह बीमारी नही है। अब वे अपने स्वास्थ्य के साथ ही अपने कार्यक्षेत्र के ग्रामीणों का भी ध्यान रखते हुए उन्हे इस बीमारी के प्रति जागरूक करती है। दो पंचायतों के सरपंच एवं सीएचओ हुए सम्मानित महामहिम राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल ने लक्षित समूहो में शत प्रतिशत जांच पूर्ण करने वाली जिले की दो ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं सीएचओ को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। ग्राम पंचायत तलून खुर्द के सरपंच श्री सुमन पति लोकेश नरगांवे एवं सीएचओ दीपिका राजनसिंह चैहान तथा ग्राम पंचायत पान्या के सरपंच श्री मंगलसिंह बरडे एवं सीएचओ काजल महाजन। सिकल मित्र योजना का हुआ शुभारंभ महामहिम राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल ने विश्व सिकलसेल दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में 3 सिकल मित्रों को सम्मानित करते हुए सिकल मित्र योजना का शुभारंभ किया। इस दौरान राज्यपाल जी ने सेंधवा के श्री लक्ष्य जगताप, धार की अर्पिता जोशी एवं डिंडोरी के श्री शारदा प्रसाद सिकल मित्रों को सम्मानित करते हुए योजना का शुभारंभ किया। बनाये गये सिकल मित्र ग्राम-ग्राम जाकर लोगों को बीमारी के प्रति जागरूक करते हुए उनकी स्क्रीनिंग एवं उपचार में सहयोग करेंगे। यह थे उपस्थित कार्यक्रम में प्रदेश के महामहिम राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल, वर्चुअल माध्यम से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप मुख्यमंत्री डाॅ. राजेन्द्र शुक्ल, केन्द्रीय मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री अंतरसिंह आर्य, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के राज्यमंत्री श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल, जिले के प्रभारी मंत्री डाॅ. गौतम टेटवाल, राज्यसभा सांसद डाॅ. सुमेरसिंह सोलंकी, लोकसभा सांसद श्री गजेन्द्रसिंह पटेल, पूर्व केबिनेट मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल, पूर्व सांसद श्री सुभाष पटेल, पानसेमल विधायक श्री श्याम बरडे, नगर पालिका सेध्ंावा अध्यक्ष श्रीमती बसंतीबाई यादव, गणमान्यजन श्री चंचल पाटीदार, जिलाध्यक्ष श्री अजय यादव सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे। हेमन्त गर्ग बड़वानी /19 जून 2025/