19-Jun-2025


हर विभाग की कमेटी में एससी-एसटी अफसर अनिवार्य भोपाल(ईएमएस)। मोहन यादव कैबिनेट द्वारा लोकसेवा पदोन्नति नियम 2025 को मंजूरी देने के 48 घंटे बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने पदोन्नति संबंधी नियम जारी कर दिए हैं। गजट नोटिफिकेशन भी कर दिया गया है। सरकार ने कहा है कि 9 साल से पदोन्नति बंद होने से बड़ी संख्या में कर्मचारी-अधिकारी बगैर पदोन्नत हुए रिटायर हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार की कार्यक्षमता पर विपरीत असर पड़ रहा है और कर्मचारियों का मनोबल भी घट रहा है। इसलिए सरकार ने पदोन्नति के नए नियम बनाए हैं। पदोन्नति नियम बनाए जाने के दौरान आरक्षित वर्ग को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने और प्रशासनिक दक्षता तथा योग्यता को महत्व दिया गया है। नियमों में कहा गया है कि सीधी भर्ती के पदों में एससी और एसटी वर्ग को 16 प्रतिशत और 20 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का प्रावधान है। इसलिए सरकार पदोन्नति में भी इन्हें इसी आधार पर आगे बढऩे के लिए मौका देने को प्रतिबद्ध है। गजट नोटिफिकेशन के साथ ही सरकार के ये नियम प्रभावी हो गए हैं। जीएडी ने नियमों में कहा है कि कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के चलते सजा तय की गई हो और वह प्रभावी हो तो उसे पदोन्नति के लिए अपात्र माना जाएगा। विभागीय पदोन्नति समिति बनेगी राज्य शासन द्वारा पदोन्नति से भरे जाने वाले हर संवर्ग के पदों को अलग से तय किया जाएगा। इसके लिए समिति द्वारा निर्णय लिया जाएगा। समिति के अध्यक्ष विभाग के सचिव और विभागाध्यक्ष सचिव होंगे। समिति में उपसचिव या उससे अधिक ऊंचे पद का जीएडी का एक अफसर भी शामिल होगा। इसके साथ ही इन तीनों सदस्यों में से कोई एक सदस्य एससी वर्ग का नहीं होने पर एससी वर्ग का एक सेंकेंड क्लास अधिकारी भी समिति में शामिल किया जाएगा। पहले तीन सदस्यों में से कोई सदस्य एसटी वर्ग का न होने पर सेकेंड क्लास कैटेगरी का एसटी वर्ग का एक अधिकारी भी कमेटी में शामिल होगा। पदोन्नति का आधार प्रथम श्रेणी से प्रथम श्रेणी के उच्च वेतनमान के पदों पर योग्यता सह वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति दी जाएगी। शेष सभी पदों पर पदोन्नति वरिष्ठता सह उपयुक्तता के आधार पर मिलेगी। एसटी वर्ग के लिए आरक्षित पदों की संख्या पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों की कुल संख्या का 20 प्रतिशत होगी। एससी वर्ग के लिए आरक्षित पदों की संख्या पदोन्नति से भरे जाने वाले कुल पदों की संख्या का 16 प्रतिशत होगी। अगर विभागीय समिति द्वारा किसी मामले में अलग निर्णय लिया जाता है तो ऐसे मामले में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी जिसमें विभाग के सचिव और सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव शामिल होंगे। 2028 तक के लिए बनेगी कमेटी सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा बनाए नियमों में कहा गया है कि जो कमेटी बनाई जाएगी वह वर्ष 2024 से 2028 तक की विभागीय पदोन्नति समिति के लिए लागू मानी जाएगी। पांच साल के बाद इस कमेटी को फिर नए सिरे से बदला जा सकेगा। कर्मचारी की सेवा की अवधि की गणना उस अवधि तक की जाएगी जिस चयन वर्ष की पदोन्नति के लिए समिति की बैठक आयोजित की जा रही है। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि अगर कोई कर्मचारी-अधिकारी दिसम्बर 2021 में फीडर संवर्ग या सेवा के पद में आया है तो 31 दिसम्बर 2025 को उसकी पांच वर्ष की प्रमोशन योग्य सेवा पूर्ण हो जाएगी। ऐसे होगा सीआर का निर्धारण नियमों में कहा गया है कि कर्मचारी अधिकारी की सीआर का निर्धारण जिस चयन वर्ष की पदोन्नति के लिए समिति की बैठक की जा रही है, उससे ठीक 5 वित्तीय वर्षों में उपयुक्त होनी चाहिए। यदि 5 साल की सीआर में से अधिकतम दो सीआर किसी कारण से उपलब्ध नहीं है तो विभागीय पदोन्नति समिति ठीक 2 पुराने साल यानी कुल सात साल के सीआर को पदोन्नति के लिए आधार बना सकेगी। विनोद उपाध्याय / 19 जून, 2025