राष्ट्रीय
20-Jun-2025


-शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग पर निर्भरता कम करने उठाया बड़ा कदम नई दिल्ली,(ईएमएस)। शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग सेंटरों पर निर्भरता कम करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय ने 11 सदस्यों की एक समिति बनाई है। यह समिति कोचिंग सेंटरों से जुड़ी चिंताओं पर विचार करेगी जिसमें स्कूलों में कमियां, अच्छे संस्थानों में सीमित सीटें और प्रतियोगी परीक्षाओं का कोचिंग उद्योग पर प्रभाव। समिति कोचिंग सेंटरों के भ्रामक विज्ञापनों और चुनिंदा सफलता की कहानियों को बढ़ावा देने के तरीकों की भी समीक्षा करेगी। उच्च शिक्षा सचिव विनीत जोशी इस समिति के अध्यक्ष होंगे। समिति हर महीने शिक्षा मंत्री को रिपोर्ट सौंपेगी। समिति देखेगी कि स्कूलों में क्या कमियां हैं, जिनकी वजह से छात्रों को कोचिंग सेंटरों का सहारा लेना पड़ता है। खासकर, स्कूलों में क्रिटिकल थिंकिंग, लॉजिकल रीजनिंग, एनालिटिकल स्किल्स और इनोवेशन पर कम ध्यान दिया जाता है। रटने की प्रथा भी एक समस्या है। समिति डमी स्कूलों के बारे में भी पता लगाएगी। ये स्कूल छात्रों की औपचारिक शिक्षण संस्थानों की औपचारिक शिक्षा छुड़वाकर उसकी कीमत पर फुल-टाइम कोचिंग के लिए प्रोत्साहित करते हैं। समिति छात्रों और अभिभावकों के बीच करियर के कई विकल्पों के बारे में जागरूकता की कमी पर भी ध्यान देगी। बहुत से छात्र और अभिभावक कुछ ही गिने-चुने संस्थानों पर ध्यान देते हैं। समिति स्कूलों और कॉलेजों में करियर काउंसलिंग सेवाओं की उपलब्धता और प्रभावशीलता का भी मूल्यांकन करेगी। यह करियर मार्गदर्शन को बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी देगी। समिति को कोचिंग सेंटरों के भ्रामक दावों और चुनिंदा सफलता की कहानियों को बढ़ावा देने जैसी विज्ञापन प्रथाओं की समीक्षा करने का भी काम सौंपा है। समिति यह भी देखेगी कि गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा की बढ़ती मांग और अच्छे संस्थानों में सीमित सीटों के कारण छात्र कोचिंग संस्थानों की ओर क्यों भागते हैं। समिति में सीबीएसई के अध्यक्ष, आईआईटी मद्रास, आईआईटी कानपुर, एनआईटी त्रिची और एनसीआरटी के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसके अलावा, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और निजी स्कूल के तीन प्रिंसिपल भी समिति का हिस्सा होंगे। सिराज/ईएमएस 20जून25