21-Jun-2025


अग्निशामक यंत्र से भी होगी सुरक्षा ज्यादातर शार्ट सर्किट होने के कारण लगती है आग अग्नि दुर्घटना से सुरक्षा एवं बचाव के लिए सावधानी, सजगता एवं जानकारी ही उपाय अग्नि से जीवन की सुरक्षा के लिए सभी भवनों एवं उद्योगों में सुनियोजित तरीके से अग्नि सुरक्षा के मापदण्डों का पालन करते हुए होना चाहिए संरचना का निर्माण भवनों, सिनेमा हॉल, होटल एवं अन्य स्थानों में जनसामान्य को सबसे पहले फायर एग्जिट की होनी चाहिए सूचना आपातकालीन स्थिति में अलार्म सिस्टम होना चाहिए कटनी (ईएमएस)। शहर के औद्योगिक एवं व्यवसायिक क्षेत्रों में आये दिन होने वाली आगजनी की दुर्घटना के दौरान होने वाली संभावित जन-धन की हानि एवं आस - पास के सार्वजनिक क्षेत्रों में आग फैलने की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए नगर निगम आयुक्त नीलेश दुबे ने शहर के समस्त व्यावसायिक एवं अन्य क्षेत्र में कार्यरत नागरिकों से आगजनी दुर्घटनाओं से बचाव हेतु आवश्यक सावधानी रखने एवं जागरूक रहने को कहा है। ताकि ऐसी दुर्घटनाओं के दौरान उनसे होने वाले संभावित नुकसानों से बचा जा सके। इसके लिए कटनी नगर निगम द्वारा समय-समय पर जागरूकता गतिविधियां भी आयोजित की जाती है। निगमायुक्त श्री दुबे के निर्देश पर पूर्व में नगर के सभी होटल, अस्पताल, स्कूल, मैरिज गार्डनों आदि का निरीक्षण किया जाकर सभी को फायर एन.ओ.सी प्राप्त करनें के निर्देश दिए गए है। निगमायुक्त श्री दुबे ने बताया कि घर बनाते समय अग्नि से सुरक्षा रखने की आवश्यकता है। आग लगने पर तत्काल इसका समाधान करने पर आग बढ़ेगी नहीं और स्थानीय स्तर पर इसका समाधान हो जाएगा। बहुत से ऐसे कारण होते हैं, जिसके कारण आग लगती है, फिर उसे नियंत्रित करना कठिन होता है। रासायनिक कारणों से भी आग लगती है। कई स्थानों पर अग्निशामक यंत्र नहीं रखते हैं या रखते भी हैं तो उसकी एक्सपायरी डेट निकल जाती है या इसका उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित लोग नहीं होते हैं। वातावरण में बढ़ते हुए तापमान को देखते हुए सिस्टम में ज्यादा लोड पडने पर भी शार्ट सर्किट की स्थिति बनती है। जिससे आग लगने की संभावना होती है। गुणवत्ताहीन वायर का उपयोग करने से भी आग लगने की संभावना होती है। उन्होंने कहा कि ऐसी दुकान जहां पर ऐसी वस्तुएं जो ज्वनशील पदार्थ रखते हैं, वहां पर लोगों को जागरूक करने एवं दैनिक जीवन में आग से सावधानी रखने की आवश्यकता है। अपने घरों में जनसामान्य अग्निशामक यंत्र रख सकते हैं। देश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का लगातार विकास हुआ है। इसी संदर्भ में अग्नि एवं जीवन की सुरक्षा के लिए सभी भवनों एवं उद्योगों में सुनियोजित तरीके से ऐसी संरचना का निर्माण करना चाहिए, जिससे अग्नि सुरक्षा के मापदंड का पालन हो सके तथा अग्नि की रोकथाम व जीवन सुरक्षित किया जा सके। ज्यादातर शार्ट सर्किट होने के कारण आग लगती है। टर्मिनल ठीक नहीं होने के कारण तथा घरों में विद्युत के संबंध में उपेक्षा के कारण आग लगती है। आग की आपात की स्थिति को ध्यान में रखते हुए जनसामान्य को सबसे पहले फायर एग्जिट देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि चाहे वह सिनेमा हॉल हो या कोई होटल, भवन या अन्य स्थान फायर एग्जिट से संबंधित जानकारी और सूचना होना आवश्यक है। यदि ऐसी सूचना न हो तो ऐसे स्थानों में नहीं जाना चाहिए। अग्नि से सुरक्षा के लिए तीन तत्वों के संबंध में जानकारी होना चाहिए। जिनमें से फ्यूल या ज्वलनशील सामग्री, तापमान, ऑक्सीजन जिसे फायर ट्रायंगल भी कहा जाता है। इन तीनों ही तत्वों के एक साथ होने पर आग लग सकती है। इनमें से एक तत्व को हटाएं तो आग बुझ सकती है। आग लगती है तो कार्बन डाइऑक्साइड ऑक्सीजन को विस्थापित कर देता है। फिर धीरे-धीरे आग बुझ जाती है। उन्होंने कहा कि अग्नि सुरक्षा के लिए चेन रिएक्शन को खत्म करना जरूरी होता है। आग से सुरक्षा के लिए व्यवस्था हेतु इसी अवधारणा पर कार्य किया जाता है। सुरक्षा हेतु भवनों में अधिभोग के पहले लेना होगा अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र राष्ट्रीय भवन संहिता में उल्लेखित भवनों में अग्नि सुरक्षा संबंधी प्रावधान अनुसार ऐसे भवन जो 15 मीटर से ऊँचे,एक तल पर 500 वर्गमीटर से अधिक निर्मित क्षेत्रफल वाले समस्त भवन (आवासीय एवं धार्मिक सामुदायिक भवनों को छोड़कर),कोई भी होटल ,अस्पताल जिसमें 50 से अधिक पलंग, बिस्तर हो 50 से कम पलंग वाले अस्पताल होटल स्वयं पालन कर पंजीकृत फायर इंजीनियर का प्रमाणीकरण प्रस्तुत करने तथा संचालन के लाइसेंस अनुमति के समय सक्षम अधिकारी को प्रस्तुत करना अनिवार्य है। वीन भवन के लिए ये हैं प्रावधान उपरोक्त उल्लेखित भवनों में राष्ट्रीय भवन संहिता में निर्धारित मापदंड अनुसार भवन अनुज्ञा प्राप्त करने के प्रस्ताव अनुसार ही प्रस्तावित फायर सेफ्टी प्लान का अनुमोदन अग्नि शमन प्राधिकारी द्वारा जारी किया जाएगा। फायर प्लान अधिकृत अनुज्ञप्तिधारी अग्निशमन इंजीनियर से राष्ट्रीय भवन संहिता 2016 के भाग 4 के उपबंधों व टेबल 7 अनुसार भवन की स्वामी संचालक द्वारा तैयार कराया जा सकता है। अनुमोदन उपरांत फायर सेफ्टी प्लान के अनुसार व्यवस्था सुनिश्चित करने के उपरांत ऊर्जा विभाग के नियमों के तहत जारी विद्युत सुरक्षा प्रमाण पत्र (उपरोक्त यथा उल्लेखित भवनों के संबंध में) प्राप्त करने के पश्चात् भवन के लिए फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा जिसकी अवधि 3 वर्ष रहेगी। पूर्व से निर्मित भवनों हेतु ये होंगे प्रावधान उल्लेखित भवनों हेतु जो कि पूर्व से निर्मित होकर अधिवासित हो,में परिपत्र जारी होने के दिनांक से 2 माह के भीतर एन.बी.सी में निर्धारित मानक अनुसार फायर प्लान तैयार कर अनुमोदन हेतु अग्निशमन प्राधिकारी को प्रस्तुत करना होगा।अग्निशमन अधिकारी द्वारा आवेदन प्राप्ति के एक माह के भीतर फायर प्लान का अनुमोदन किया जाएगा। दो माह की समयावधि के अंदर यदि भवन स्वामी संचालक द्वारा फायर प्लान तैयार कर अग्निशमन प्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत नहीं करता है तो विलंबित समय हेतु प्रतिदिन रुपये 500- की दर से अर्थदण्ड स्वामी पर अधिरोपित किया जाएगा ,जो कि एक वर्ष के बाद रुपए 1000- प्रतिदिन की दर से देय होगा। अनुमोदित फायर प्लान के अनुरूप व्यवस्था सुनिश्चित करने के उपरांत फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा जिसकी अवधि 3 वर्ष रहेगी। फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट हेतु फीस फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट प्रदाय करने हेतु निकायों द्वारा फीस का प्रावधान में फीस का निर्धारण किया गया है जिसमें आवासीय तथा शैक्षणिक भवन हेतु 2000 रुपये प्रथम 500 वर्ग मीटर के निर्मित क्षेत्र हेतु तथा 500 वर्ग मीटर के अधिक निर्मित क्षेत्रफल हेतु 2 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से देय होगा। वहीं अन्य भवनों हेतु रुपये 500 प्रथम 500 वर्ग मीटर के निर्मित क्षेत्र हेतु तथा 500 वर्ग मीटर से अधिक निर्मित क्षेत्रफल हेतु 5 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से देय होगा। वार्षिक अग्निशमन ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने की अनिवार्यता फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट की प्रभावशील अवधि 3 वर्ष की होगी एवं इस अवधि के दौरान उल्लेखित भवनों के स्वामी संचालकों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष 30 जून तक निर्धारित प्रारूप में अग्नि शमन ऑडिट रिपोर्ट अग्निशमन प्राधिकारी को प्रस्तुत करनी होगी। फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट के रिन्यूअल के प्रावधान फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट की 03 वर्ष की अवधि समाप्त होने के 02 माह पूर्व फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट का रिन्यूअल कराने हेतु आवेदन प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट का रिन्यूअल आगामी 03 वर्ष की अवधि हेतु किया जा सकेगा।उल्लेखित प्रावधान अनुसार फीस देय होगी। ईएमएस/मोहने/ 21 जून 2025