21-Jun-2025


जालना, (ईएमएस)। महाराष्ट्र के जालना जिले में किसानों को फसल नुकसान के लिए दिए गए फंड से 40 करोड़ रुपये का गबन करने के आरोप में 21 सरकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। यह फंड सूखे और भारी बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों के लिए था। जिला मजिस्ट्रेट द्वारा नियुक्त एक समिति द्वारा की गई जांच में 89 सरकारी कर्मचारियों को 2022 और 2024 के बीच किसानों को राहत के लिए वितरित किए गए लगभग 40 करोड़ रुपये के दुरुपयोग का दोषी पाया गया। इसमें तलाठी, ग्राम सेवक और कृषि सहायक शामिल हैं। जिला मजिस्ट्रेट श्रीकृष्ण पांचाल ने अब तक 21 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। पिछले हफ्ते 10 तलाठी को निलंबित किया गया था, जबकि कल 11 और अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया, जिनमें सात तलाठी और चार सहायक राजस्व अधिकारी शामिल हैं। जांच में पता चला कि इस घोटाले में सिस्टम में हेरफेर करने के लिए राजस्व कर्मचारियों के लॉगिन क्रेडेंशियल (एक्सेस आईडी कार्ड) का दुरुपयोग किया गया था। किसानों की शिकायत के बाद शुरू की गई जांच में फर्जी दावे, लाभार्थियों के नामों का दोहरा पंजीकरण और उन लोगों को मुआवजा वितरित करने का खुलासा हुआ है, जिनके पास जमीन नहीं है। समिति की रिपोर्ट ने इन वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि की है। इसके अलावा 35 अन्य तलाठी के खिलाफ भी विभाग वार कार्रवाई शुरू की गई है। रिपोर्ट में पांच तहसीलदारों और छह नायब तहसीलदारों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है और उन्हें लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। मामला अब राज्य सरकार को भेज दिया गया है। जिला कलेक्टर पांचाल ने कहा कि नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं देने वाले अधिकारियों के खिलाफ पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है और अन्य की जांच चल रही है। उन्होंने आगे कहा कि जांच पूरी होने के बाद प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल नुकसान मुआवजा निधि का दुरुपयोग करने वाले दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। इस बीच पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक बबनराव लोणीकर ने दावा किया है कि यह घोटाला 100 करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है और उन्होंने इसमें शामिल सभी अधिकारियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। लोणीकर ने कहा, मैंने यह मामला मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के संज्ञान में लाया है और विधानसभा सत्र में भी इस मुद्दे को उठाऊंगा। जिला प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करते हुए इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी चाहिए, इसमें अब और देरी नहीं होनी चाहिए। संतोष झा- २१ जून/२०२५/ईएमएस