आज हमारे देश की ताकत भगवान राम जी के आदर्श हैं उन्होंने शांति से जीना भी सिखाया, और नारी सम्मान के लिए युद्ध करना भी सिखाया, हमारा देश किसी भी अपने मामले में किसी दूसरे देश की दखलअंदाजी बिलकुल बर्दास्त नहीं करेगा क्योंकि ऐ देश 140 करोड़ लोगों का एक लोकतान्त्रिक देश है देश पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर है और आतंकवादी घटना बिल्कुल बर्दास्त नहीं करेगा क्योंकि ऐ बात प्रधानमंत्री मोदीजी ने जी -7 सम्मलेन पर कहा, इससे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चुपी साध ली और लंच पर बुलाया लेकिन श्री मोदीजी ने इसे अस्वीकार कर दिया क्योंकि ट्रम्प ने दोनों देशों को एक ही नजरिये से ट्रेड का बहाना बनाया था लेकिन पाकिस्तान के सेना प्रमुख मुनीफ लंच करने गए इससे ऐ सिद्ध होता है अमेरिका पर भरोसा करना बिल्कुल ठीक नहीं है इसका हमेशा पुराना इतिहास रहा है भारत के लोगों ने अंग्रेजी हुकूमत को हटाया है अटलजी जब प्रधानमंत्री थे तो कारगिल युद्ध में सेटेलाइट इमेज माँगा था जो अमेरिका ने देने से मना कर दिया ऐ तो भारत के सेना का जज्बा था कि कारगिल युद्ध में विजय रहा भारत के जवान हमारे वैज्ञानिक हमारे देश के नायक हैं जिन्होंने अमेरिका के दबाब में भी 1998 में परमाणु परीक्षण भी कर लिया और भारत परमाणु संपन्न देश है जो ना तो किसी से डरेगा ना ही किसी के लालच में पड़ेगा क्योंकि भगवान राम का आशीर्वाद है।भारत देश ना तो किसी से डरा है ना किसी की चापलूसी की प्रधानमंत्री से साफ कह दिया आतंकवादी को किसी भी कीमत पर बक्शा नहीं जायेगा भारत पाकिस्तान पर भारी पड़ा और पाकिस्तान ने ही युद्ध रोकने की कोशिश की थी और प्रधानमंत्री जी ने चीज़फायर कराता मोदीजी हमेशा आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर लगे है हमारी शक्ति को दुनिया ने देखी है हम भारतीय दुश्मन को मार सकते हैँ चाहे शहीद क्यों ना होना पड़े और जब 140 करोड़ भारतीय आतंकी के खिलाफ लड़ेंगे तो उसे मिट्टी में मिला देंगे भारत परमाणु संपन्न देश है और डी आर डी ओ, इसरो, ब्रह्ममोश और कई ऐसी मिसायल टेक्नोलॉजी की कंपनी है जो विश्व स्तर का मिसाइल सिस्टम है हम लोग देश के लिए मर मिटने वाले में से हैँ लेकिन गुलामी या आतंकी पसन्द नहीं है इसलिए अंग्रेजो को हराया आखिर मोदीजी क्यों नहीं गए ट्रम्प के बुलावे पर क्योंकि अब वो भारत नहीं है जो आतंकवादी हमले पर चुप वैठने वाला है ऐ वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप, गुरू गोविंद सिंह और कई वीर योद्धाओ का देश है जो शहीद होना पसंद करेगा लेकिन आतंकी के खिलाफ झुकना नहीं और उसे युद्ध माना जायेगा ऐ प्रधानमंत्री जी ने खुद कहा है पाकिस्तान के परमाणु बम पर दूसरे देश जो डिनर पर बुलाते हैँ उसका नियंत्रण है जबकी हमारी ताकत किसी दूसरे देश पर बिल्कुल निर्भर नहीं है और ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेनाओ ने पाकिस्तान को जबरदस्त सिकस्त दि थी ऐ दुनिया ने देखा है जहाँ तक इजराइल और ईरान के युद्ध का सवाल है इसमें भारत ने किसी का पक्ष नहीं रखा है जबकी ईरान के समर्थन में अब रूस और चीन सामने आ गए हैं ऐ ट्रम्प महोदय केवल युद्ध भड़का रहें हैँ और दूसरे के घर में बेबजह झाँक कर खुद ही मज़ाक के पात्र बन गए है इसलिए वहाँ के जानेमाने उद्योगपति स्टॉर्लिंक के मालिक एलेन मस्क बै दुरी बना ली भारत को उसी समय सचेत रहना चाहिए जब हमारे भारतीय जिसमें कुछ भारतीय डंकी रुट ने नहीं गए थे वो भी कार्गो प्लेन में हथकड़ी बाँधकर भारत में उस स्थान अमृतसर पर भेजा गया जहाँ गुरू का स्वर्ण टेम्पल है ट्रम्प केवल बोल कर एक देश से दूसरे देश को लड़ा रहें है और बाद में उसे अकेले छोड़ देते हैं जैसे यूक्रेन को अकेले छोड़ दिया और भरी सभा में उसकी बेईजत भी कर दि हर देश का अपना रक्षा करने का अधिकार है पहले इजराइल को ईरान से एटमबम बनाने से रोकने के लिए उकसाया और इजराइल ने आक्रमण किया जबकी उसे लड़ाई के हर दिन का ख़र्ज 600 करोड़ रूपये के आसपास है लेकिन हिम्मत है उसे मालूम होगा ईरान की ताकत लेकिन वो सोचा होगा की अमेरिका मदद करेगा और अब हर दिन मीटिंग चल रहा जबकी उसके शहरों को भारी नुकसान ईरान के मिसाइल से हो रहा युद्ध में उसी ने झोंका है क्योंकि वो लागातार ऐ बोलते नजर आ रहे हैँ कि ईरान कभी परमाणु बम नहीं बना सकता इसलिए इजराइल को जंग में ढकेल कर पीछे हट रहें हैं क्योंकि जिसे करना रहता है वो इसपर इतना नहीं सोचेगा और इतने दिनों में शत्रु इसका फायदा उठा सकेगा भारत को तटस्थ है क्योंकि दोनों उसके लिए महत्वपूर्ण है अतः ट्रम्प केवल कागजी शेर की तरह बड़ी बड़ी बातें करते है और जब किसी की जरुरत पड़ती है तो युद्ध को भड़का कर हाथ पीछे कर लेते हैँ इस तरह का बयान देना कि हमें पता है ईरान का सुप्रीम लीडर कहाँ है तेहरान खाली करो इसके क्या मायने हैं और अगले सप्ताह होने तक दोनों देश में कितना खून खराबा होगा कहते है कि भारत और पाकिस्तान का जंग मैंने रुकवाया तो पहली बात ऐ भारत का पाकिस्तान से नहीं उसके आतंकवादी से था और जो इसका सरगना आशिर मुनीर जो वहाँ का सेना प्रमुख था उसे अमेरिका बुलाकर ऐ तो सिद्ध हो जाता है कि आतंकवादी को कमजोर नहीं उसमें हौसला बढ़ा रहें हैं जिससे उनकी ही बदनामी हो रही है यदि सही मायने में जंग रुकवाना है तो इजराइल और ईरान में रुकवा दें जिसमें दोनों को भारी नुकसान हो रहा है इजराइल तो छोटा देश है लेकिन उसका हौसला बड़ा है लेकिन आगे इसे शांतिपूर्ण तरीके से रोकना चाहिए अमेरिका की साख इससे गिर रही है क्योंकि उसे महाशक्ति के रूप में जानते हैँ जब ईराक और अफगानिस्तान में कुछ ही दिनों में उसे घुटने पर लें आया था और अफगानिस्तान में ही सबसे ज्यादा बंकर ब्लस्टर बम का उपयोग पहाड़ी के अंदर छिपे आतंकवादी को मारने में की थी और इराक जो ईरान से बर्षो से युद्ध लड़ा उसके अंदर कब्ज़ा कर लिया और सद्दामहुसैन को फांसी दें दि अरब में जो हो रहा है वो खलीफा के लिए हो रहा है जहाँ एक से दूसरे देश में काफी मतभेद हैँ शिया औऱ सुन्नी को लेकर इसलिए वहाँ मुस्लिम देश एकमत नहीं है यदि होता तो सीरिया में तख्तापलट नहीं होता खैर युद्ध में विनाश ही होता है और इसका असर पुरे विश्व पर पड़ता है अब ऐ बात समझ लेनी चाहिए की किसी दूसरे देश के बहकावे में नहीं बल्कि आगे के भविष्य को देखते हुए ही युद्ध में हाथ डालें और उसको दूरगामी परिणाम को देखते हुए ही युद्ध करें हमें तो लगता है जो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाईडन का प्रशासन इससे अच्छा था क्योंकि उसने इजराइल को ईरान में ऐसे हमले से सतर्क किया था और उसके परमाणु सयन्त्र पर हमले ना करने की सलाह दि थी और वो खुद ही इजराइल गए थे जब आतंकी हमला हुआ था उससमय इजराइल मजबूत नजर आ रहा था लेकिन आज कमजोर नजर आ रहा है जैसे लगता है अमेरिका के बहकावे में ऐ कदम उठाया जिसे बहुत सोच समझ कर करनी चाहिए थी और सबकुछ तो शांत चल रहा था क़ोई क्या कर रहा उससे क्या मतलब अपनी ताकत ठीक होनी चाहिए और इजराइल एक परमाणु संपन्न देश है इसलिए क़ोई क्या बना रहा है उसमें उलझना नहीं चाहिए अगर उलझना भी है तो पहले उसकी ताकत को देखकर और अपने ताकत का आकलन कर ही युद्ध में कूदना चाहिए। ईएमएस / 21 जून 25