-गुलामों की तरह अंग्रेज़ी पर क्यों गर्व? नई दिल्ली,(ईएमएस)। भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर तंज कसते हुए कहा है कि आखिर गुलामों की तरह अंग्रेजी पर गर्व क्यों करते हैं? दरअसल राहुल गांधी ने संघ और भाजपा नेताओं के अंग्रेजी पर शर्म जैसे बयान पर टिप्पणी करते हुए गरीब और वंचित तबकों के बच्चों को अंग्रेज़ी सिखाने का समर्थन किया था। राहुल गांधी के बयान को केंद्र लेते हुए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए कहा, कि रूस, चीन, फ्रांस, जापान सबको अपनी भाषा पर गर्व है। आप गुलामों की तरह अंग्रेज़ी पर क्यों गर्व करते हैं? उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (नेप) 2020 का विरोध कर रहे हैं, जबकि उनके पिता भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की नेप-1986 भी क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने और अंग्रेज़ी अनुवाद की ही बात करती थी। सांसद दुबे ने अपनी पोस्ट में कहा है, कि केंद्र की नई नीति से क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है और 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवल “छोटा-सा परिष्कार” करके इसे अधिक समावेशी बनाया। उन्होंने जोर देकर कहा कि तमिल, बांग्ला, कन्नड़, संथाली जैसी भारतीय भाषाओं पर “हमें गर्व है” और अंग्रेज़ी को “रोज़गार का एक विकल्प” मानना ठीक है, लेकिन उसे “श्रेष्ठता का प्रमाण” बनाना मानसिक ग़ुलामी है। यहां बताते चलें कि इससे पहले कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा था, कि अँग्रेज़ी बाधा नहीं, पुल है। अँग्रेज़ी शर्म नहीं, शक्ति है। अँग्रेज़ी कोई ज़ंजीर नहीं—यह ज़ंजीरें तोड़ने का औज़ार है। राहुल गांधी ने इसी पोस्ट में आगे कहा था, कि भाजपा-आरएसएस नहीं चाहतीं कि गरीब बच्चे अंग्रेज़ी सीखें, क्योंकि इससे वे सवाल पूछने लगेंगे और बराबरी की दौड़ में आगे बढ़ेंगे। हिदायत/ईएमएस 22जून25