02-Jul-2025
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रायपुर(ईएमएस)। छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत हुए मुआवजा घोटाले की जांच तेज हो गई है। एडिशनल कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित चार अलग-अलग जांच समितियां रायपुर और दुर्ग संभाग में मिल रही नई शिकायतों की परतें खोलने में जुटी हैं। अब तक दोनों संभागों से कुल 400 से अधिक दावा-आपत्तियां सामने आ चुकी हैं, जिनकी विस्तृत जांच की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, जांच समितियों ने संबंधित क्षेत्र के पटवारियों से मुआवजा वितरण से जुड़े सभी दस्तावेज, नक्शे और प्रतिवेदन तलब किए हैं। साथ ही, शिकायतकर्ताओं और प्रभावित पक्षकारों को नोटिस जारी कर बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। रायपुर संभाग में अब तक 150 से अधिक और दुर्ग संभाग में 250 से अधिक दावा-आपत्तियों की पुष्टि हुई है। प्रशासन को उम्मीद है कि विधानसभा के आगामी मानसून सत्र से पहले इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी जा सकेगी। भारतमाला परियोजना के तहत विशाखापत्तनम-रायपुर कॉरिडोर निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई जमीनों के एवज में कई स्थानों पर मुआवजा राशि में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं। आरोप है कि राजस्व अधिकारियों और भूमाफियाओं की मिलीभगत से बाजार मूल्य से कई गुना अधिक मुआवजा राशि जारी की गई, जिससे सरकार को लगभग 600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस मामले में मुख्य आरोपियों में तत्कालीन एसडीएम निर्भय कुमार साहू शामिल हैं, जिनके कार्यकाल में मुआवजा राशि की अनियमितताएं चरम पर थीं। घोटाले के सामने आने के बाद मार्च माह में साहू के साथ-साथ दो तहसीलदार और तीन पटवारियों को निलंबित कर दिया गया था। निलंबन के वक्त साहू जगदलपुर नगर निगम आयुक्त के पद पर कार्यरत थे। प्रदेश सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) को सौंपी है। ईओडब्ल्यू ने मुआवजा घोटाले में नामजद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। न्यायालय ने आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है, बावजूद इसके सभी आरोपी अब तक फरार चल रहे हैं। सत्यप्रकाश(ईएमएस)02 जुलाई 2025