राज्य
02-Jul-2025


मुंबई, (ईएमएस)। मुंबई के बारे में कहा जाता है कि यहां की जिंदगी लोकल ट्रेनों पर चलती है। इसीलिए लोकल ट्रेनों को मुंबई की लाइफलाइन कहा जाता है। मौजूदा स्मार्टफोन की दुनिया में मुंबई लोकल हो या कोई भी सफर, स्मार्टफोन सबसे बेहतरीन मनोरंजन है। ये स्मार्टफोन लोगों को परिवार, काम और दुनिया से जोड़ता है। हालांकि, पिछले कुछ सालों में लोकल ट्रेनों में इन स्मार्टफोन पर चोरी के मामले बढ़े हैं। ट्रेनों में मोबाइल फोन चोरी होने के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। पता चला है कि 2022 से अब तक सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) द्वारा मुंबई में फोन चोरी के 37 हजार 398 मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि, इनमें से सिर्फ 16 हजार 154 में ही खोए हुए मोबाइल फोन बरामद किए जा सके हैं। आमतौर पर भीड़भाड़ वाली ट्रेनों और प्लेटफॉर्म पर मोबाइल फोन चोरी होते हैं। आंकड़े बताते हैं कि अकेले 2023 में फोन चोरी के 12 हजार 989 मामले हुए। 2023 की तुलना में मोबाइल फोन चोरी की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। - सबसे खतरनाक स्टेशन कौन सा है? जीआरपी के आंकड़ों के अनुसार, कुर्ला स्टेशन सबसे अधिक चोरी की घटनाओं में सबसे आगे है। कुर्ला के साथ-साथ कल्याण स्टेशन पर भी अन्य स्टेशनों की तुलना में मोबाइल फोन चोरी की दर अधिक है। विडंबना यह है कि कल्याण और कुर्ला उन स्टेशनों में से हैं जहाँ पुलिस की सबसे अधिक मौजूदगी है, लेकिन यहाँ सबसे अधिक मोबाइल फोन चोरी की घटनाएँ होती हैं। - हर हफ़्ते 135 से 140 मोबाइल फोन होते हैं चोरी ? मुंबई की लोकल ट्रेनों से हर दिन औसतन 18 से 20 महंगे मोबाइल फोन चोरी होते हैं। यानी हर हफ़्ते औसतन 135 से 140 फोन चोरी होते हैं। यानी हर महीने लोकल ट्रेनों से चोरी होने वाले मोबाइल फोन की संख्या करीब 950 मोबाइल फोन है। - चोरों का गिरोह सक्रिय रेलवे पुलिस क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि, अधिकांश चोरियां चोरों के छोटे-छोटे गिरोह करते हैं। ये गिरोह मिलकर काम करते हैं। हमने हाल ही में ऐसे गिरोह के एक सदस्य को पकड़ा है। जब ऐसे गिरोह का कोई सदस्य पकड़ा जाता है, तो ऐसी चोरी की घटनाएं एक पल में कम हो जाती हैं, क्योंकि ये लोग एक दिन में कई फोन चुराते हैं। अधिकांश लोगों को ट्रेन से उतरने के बाद ही पता चलता है कि उनका फोन गायब है। इससे चोरी की सही जगह का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। जब पीड़ित को पता चलता है कि फोन गायब है, तो हम स्टेशन पर एफआईआर दर्ज करते हैं और वहीं से जांच करते हैं। पुलिस ने यह भी बताया, अगर कोई स्पष्ट लूट है, जिसमें किसी के सामने फोन छीना गया है, तो हम तुरंत सीसीटीवी फुटेज देख सकते हैं और अपराधी की पहचान कर सकते हैं। संजय/संतोष झा- ०२ जुलाई/२०२५/ईएमएस