रियो डी जेनेरियो,(ईएमएस)। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत एक अग्रणी उभरती अर्थव्यवस्था और वैश्विक स्तर पर प्रभाव पैदा करने वाले देश के रूप में अपनी दोहरी भूमिका के साथ अपनी आकांक्षाओं को साझा करने वाले सभी लोगों के लिए परिवर्तन का नेतृत्व करते हुए मजबूत स्थिति में है। सीतारमण आधिकारिक यात्रा के दौरान चैलेंजेस फॉर फाइनेंसिंग सस्टेनेबल डेवलपमेंट फॉर द ग्लोबल साउथ विषय पर फ्लैगशिप गवर्नर्स सेमिनार को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि ग्लोबल साउथ में सस्टेनेबल डेवलपमेंट को वित्तपोषित करना केवल धन जुटाने के बारे में नहीं है, यह निष्पक्षता, विश्वास और नेतृत्व का निर्माण करने से भी जुड़ा है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए, लाखों लोगों के लिए आवास, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और आजीविका तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए विकास में तेजी लाना जरुरी है। साथ ही, हीटवेव, वॉटर स्ट्रेस और एक्ट्रीम वेदर की घटनाओं जैसे जलवायु संबंधी जोखिम भी बढ़ रहे हैं। भारत नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन और प्रांत-स्तरीय जलवायु कार्रवाई योजनाओं जैसी पहलों के जरिए उन्हें इंटीग्रेट करने के लिए तेजी से काम कर रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि वास्तविक चुनौती डेवलपमेंट और सस्टेनेबिलिटी के बीच चयन करना नहीं है, बल्कि खास तौर पर उभरते बाजारों और विकासशील देशों के साथ साझेदारी में ऐसी नीतियां तैयार करना है, जो समावेशी विकास को बढ़ावा दें और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को मजबूत करें। उन्होंने कहा कि जैसा कि हम 2030 के एजेंडे की ओर प्रयास कर रहे हैं, कोरोना महामारी के बाद विकासशील देशों में सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (एसडीजी) के लिए वित्तपोषण का अंतर सालाना 4.2 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है, जो महत्वाकांक्षा और वास्तविकता के बीच बढ़ते अंतर को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भारत एक अनोखे चौराहे पर खड़ा है। एक अरब लोगों की आकांक्षाएं तेजी से बदलते ग्रह की अनिवार्यताओं के साथ मिलती हैं। भारत ने दिखाया है कि कैसे पैमाना और गति एक साथ चल सकते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान, नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन और क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन में तेजी लाने के लिए 220 गीगावाट से अधिक रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता की स्थापना जैसे कार्यक्रमों से हमारी नीति इकोसिस्टम को मजबूती मिली है। सिराज/ईएमएस 05जुलाई25