07-Jul-2025
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जांजगीर-चांपा(ईएमएस)। जिले के अमरताल स्थित धान संग्रहण केंद्र में भारी बारिश के चलते करीब 4 लाख क्विंटल धान पानी में भीगकर अंकुरित हो गया है और अब सड़ने लगा है। बीते एक सप्ताह से लगातार हो रही बारिश ने विपणन विभाग की तैयारियों की पोल खोल दी है। किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदे गए इस धान की सुरक्षा पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए, बावजूद इसके उसे संरक्षित नहीं किया जा सका। विधानसभा क्षेत्र के विधायक ब्यास कश्यप ने इस मामले को लेकर शासन-प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की खून-पसीने की कमाई को सरकार संरक्षित नहीं कर सकी। साथ ही संग्रहण केंद्र के जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की। सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार ने इस खरीफ सीजन में जिले में कुल 63.27 लाख क्विंटल धान की खरीदी की थी, जिसमें से बड़ी मात्रा में धान का मिलिंग कार्य अब तक लंबित है। अमरताल संग्रहण केंद्र में रखे गए बचे धान का एक बड़ा हिस्सा खुले आसमान के नीचे पड़ा रहा, जिससे वह लगातार बारिश में भीगता रहा और अंततः खराब होने लगा। गंभीर बात यह है कि खराब हो चुके धान को अब आनन-फानन में नई बोरियों में पलटी कर छिपाने की कोशिश की जा रही है। संग्रहण प्रभारी पर लापरवाही बरतने और शासन की गाइडलाइन की अनदेखी करने के आरोप लग रहे हैं। मौके पर बारिश से बचाव के कोई पुख्ता इंतज़ाम नहीं किए गए थे। इस मुद्दे को लेकर विधायक ब्यास कश्यप ने कहा, सरकार ने तो 3100 रुपए में धान खरीद कर वाहवाही लूटी, लेकिन अब जानबूझकर इस धान को सड़ाया जा रहा है, ताकि उसे औने-पौने दामों पर नीलाम कर किसानों को अगली फसल के लिए मिलने वाली कीमत को गिराया जा सके। यह एक सुनियोजित साजिश लगती है। उन्होंने राज्य सरकार से इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच और जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। फिलहाल अमरताल केंद्र में अभी भी लाखों क्विंटल धान खुले में पड़ा है और यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो नुकसान और भी बढ़ सकता है। सत्यप्रकाश(ईएमएस)07 जुलाई 2025