नई दिल्ली (ईएमएस)। करीब तीन वर्ष पूर्व प्रदेश के उपराज्यपाल वीके सक्सेना जब 100 करोड़ रुपये की लागत से डीडीए द्वारा बनाई जा रही एयरपोर्ट ड्रेन परियोजना का जायजा ले रहे थे, तब उन्होंने कहा था कि इस परियोजना के पूरा होने पर न सिर्फ एयरपोर्ट बल्कि इससे सटे द्वारका सेक्टर आठ व आसपास के क्षेत्रों में होने वाले जलभराव की समस्या से लोगों को निजात मिल जाएगी। लेकिन आज हालात कुछ और ही हैं। तीन वर्ष बाद ड्रेन निर्माण के करीब करीब पूरा होने के बाद एयरपोर्ट को तो वर्षा जल के भराव से निजात मिल गई है, लेकिन सेक्टर आठ के लोगों को जलभराव की समस्या से निजात नहीं मिली है। सेक्टर आठ के निवासियों का कहना है कि वर्षा के दौरान एयरपोर्ट का जो पानी ड्रेन से निकलकर बाहर आता है, वह सेक्टर आठ की सड़काें, पार्कों में फैल जाता है। यह पानी कभी घंटों तो कभी कई दिनों तक सड़क पर जमा रहता है। लोग परेशान होते हैं। लेकिन डीडीए को इसकी कोई फिक्र नहीं है। डीडीए ही क्यों, कोई भी सरकारी एजेंसी इस समस्या के समाधान में रुचि नहीं दिखा रही है। सेक्टर आठ निवासी अमित बताते हैं कि जिस ड्रेन के लोग इलाके के लिए वरदान मान रहे थे, आज वही ड्रेन अभिशाप बन चुका है। डी ब्लॉक में ड्रेन का पानी खुले हिस्से में फैल जाता है, जो कई कई घंटे तक जमा रहता है। समस्या यह है कि डी ब्लॉक की सड़कों की दशा भी सही नहीं है। वर्षा जल की निकासी के लिए सही नालियां नहीं हैं। कुल मिलाकर यहां रहने वाले मुसीबत के भंवर में फंसे हैं। अजीत झा /देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/07/जुलाई /2025