-किरेन रिजिजू के बयान पर असदुद्दीन ओवैसी का पलटवार नई दिल्ली,(ईएमएस)। अल्पसंख्यकों को लेकर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के बयान पर एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तीखा जवाब दिया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर ओवैसी ने सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि हर दिन पाकिस्तानी, जिहादी कहे जाना क्या लाभ है? दरअसल, केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने एक लेख लिखते हुए कहा था कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों की तुलना में ज्यादा सुरक्षा और सुविधाएं मिलती हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने कहा कि यह बयान संविधान और वास्तविकता दोनों का अपमान है। ओवैसी ने पोस्ट करते हुए कहा, कि क्या मुसलमानों को हर दिन जिहादी, पाकिस्तानी, बांग्लादेशी, रोहिंग्या कहा जाना कोई विशेषाधिकार है? क्या मॉब लिंचिंग में मारे जाना सुरक्षा है? क्या हमारी मस्जिदों, घरों और मजारों पर बुलडोजर चलना लाभ है? क्या भारत के प्रधानमंत्री की नफरत भरी बयानबाजी का निशाना बनना सम्मान है? उन्होंने कहा कि भारतीय मुसलमान आज दूसरे दर्जे के नागरिक भी नहीं रहे, बल्कि बंधक बना दिए गए हैं। ओवैसी ने दावा किया कि मुस्लिम बहुल इलाकों को बुनियादी सुविधाओं से वंचित किया गया है, और मुसलमानों की नई पीढ़ी अपने माता-पिता से भी बदतर हालत में हैं। इसका पलट जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लिखा, कि हमारे पड़ोसी देशों से अल्पसंख्यक भारत आना क्यों पसंद करते हैं, और हमारे देश के अल्पसंख्यक पलायन क्यों नहीं करते? प्रधानमंत्री की योजनाएं सभी के लिए हैं। अल्पसंख्यक मंत्रालय अतिरिक्त लाभ देता है। ओवैसी ने फिर दिया जवाब इसके जवाब में ओवैसी ने फिर लिखा, कि हम ना अंग्रेजों से भागे, ना विभाजन के दौरान, ना ही दंगों और नरसंहारों के कारण। हमें पलायन की आदत नहीं है। हम संविधान के वादों के लिए यहां खड़े हैं, ना कि किसी भी पार्टी के रहमो-करम पर। इस प्रकार इन नेताओं के बीच यह बहस ऐसे समय पर सामने आई है जब अल्पसंख्यक अधिकार, संवैधानिक समानता, और राजनीतिक बयानबाजी को लेकर देश में माहौल संवेदनशील बना हुआ है। सोशल मीडिया पर यह मुद्दा तेजी से वायरल हो गया है और लोगों की प्रतिक्रियाएं बंटी हुई आ रही हैं। हिदायत/ईएमएस 07जुलाई25