07-Jul-2025
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धार्मिक अनुष्ठानों से होती है धरा पवित्र और प्राणियों में प्रेम वात्सल्य- प, वर्धमान सौरया भोपाल(ईएमएस)। राजधानी के श्री नंदीश्वर जिनालय में भगवान सिद्ध की आराधना में लीन है श्रद्धालु। जिनालय में विराजमान भगवान जालंधर की प्रतिमाओं का अभिषेक कर भक्ति भाव से संगीत में स्वर लहरियों के साथ भक्ति नृत्य कर भगवान सिद्ध की आराधना की गई। जिलालय में विधान का भव्य माणना सजा हुआ है। अष्ट द्रव्यों से अर्ग अर्पित कर प्रभु की आराधना की गई। प्रवक्ता अंशुल जैन ने बताया विधानाचार्य पंडित वर्धमान सूर्य के निर्देशन में विधि विधान से धार्मिक क्रियाएं जाप अनुष्ठान हुए। अनुष्ठान के दौरान श्रद्धालु भौतिक सुख सुविधाओं से दूर रहकर नियम और संयम का पालन कर सादगी पूर्ण जीवन व्यतीत कर रहे हैं। कुछ श्रद्धालु चटाई पर सो रहे हैं, कुछ श्रद्धालु व्रत उपवास कर रहे हैं, और कुछ ने मोबाइल और टीवी का त्याग कर रखा है। पंडित वर्धमान सौरया ने कहा धार्मिक अनुष्ठान जीवन जीने का संविधान तय करते हैं। जीवन में सकारात्मक के साथ जीवन को सादगी के साथ जीना सिखाते हैं, धार्मिक अनुष्ठान। जब तब त्याग से धारा पवित्र होती है प्राणियों में ही नहीं सभी जीवो में प्रेम वात्सल्य बढ़ता है। अनुष्ठान के प्रमुख पात्र विजय प्रमोद चौधरी, एडवोकेट 2000 ओंकार्ता मनोज, नीलिमा सौ धर्मेंद्र- विकास नम्रता पब्लिशर श्रीपाल मैना सुंदरी - ऋषभ कमलेश सिंघई, कुबेर पदम संगीता, चक्रवर्ती-निर्मल सरोज मुनीम, द्रव्य दातार - चक्रेश ममता चौधरी, महायज्ञ नायक- प्रवीण रश्मि, ईशान इंद्र - संभव सीमा, रजत कृतिका, सनत इंद्र - विपिन विनीता सिंघई, महेंद्र इंद्र - नरेंद्र सुषमा मनोरिया, ब्रह्म इंद्र - अन्य प्रमुख इंद्र - सुमन प्रतीक, आराधना राजीव श्रुति गेहूं, अमित ऋतु, सी एस डॉ सर्वज्ञ मिली, मनोज सुजाता, अशोक सुनीता, आर एस श्रेयांस चंदा, शैलेश रेखा स्टील, प्रियेश अर्पिता, संजय संगीता भगतजी,नरेंद्र शोभा, सृजन जूही, आशीष शारदा, अंकित शिल्पी, ऊनारसी विनोद, सुषमा जिनेंद्र सरोज आदि ने प्रमुख मंडल पर श्रीफल अर्पित किए। अंशुल जैन/ 07 जुलाई, 2025