08-Jul-2025


इन्दौर (ईएमएस) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ इन्दौर से 12 वर्ष पहले सहायक आबकारी आयुक्त जगदीश राठी के खिलाफ अनुपातहीन संपत्ति के मामले में प्रकरण चलाने के लिए लोकायुक्त पुलिस को अनुमति मिल गई है। सहायक आबकारी आयुक्त जगदीश राठी के यहां 550 प्रतिशत आय से अधिक सम्पत्ति मिलने के 13 वर्षों से बगैर ट्रायल के लंबित इस प्रकरण की कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि लोकायुक्त पुलिस इंदौर ने वर्ष 2013 में सहायक आबकारी आयुक्त राठी के विभिन्न ठिकानों पर दबिश देकर आय से अधिक संपत्ति पकड़ कर अपराध दर्ज किया था। लोकायुक्त ने 550 प्रतिशत अनुपातहीन संपत्ति तो पकड़ी। लेकिन राठी ने हाई कोर्ट से प्रकरण के ट्रायल पर रोक लगवा ली। क्योंकि लोकायुक्त ने छापे के बाद जब आबकारी विभाग से अभियुक्त के विरुद्ध चालान प्रस्तुत करने की अनुमति मांगी थी तो विभाग ने अभियोजन स्वीकृति नहीं दी थी। उसके बाद लोकायुक्त के पुनः पत्राचार करने पर उन्हें चालान की अनुमति मिल गई थी। इस पर लोकायुक्त पुलिस ने निचली अदालत में चालान पेश कर दिया जिस पर राठी हाई कोर्ट पहुंचा और अभियोजन स्वीकृति को अवैध बताया तो हाई कोर्ट ने राठी की याचिका स्वीकारते ट्रायल पर रोक लगा दी अब हाल ही लोकायुक्त एसपी डॉ. राजेश सहाय के निर्देश पर लोकायुक्त संगठन ने हाई कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर की थी। जिस पर उन्हें स्वीकृति मिल गई। आनन्द पुरोहित/ 08 जुलाई 2025