-उर्वरक मंत्री नड्डा ने कहा- अब किसानों को आसानी से मिल सकेगी डीएपी खाद नई दिल्ली,(ईएमएस)। इंडियन फर्टिलाइजर कंपनी (आईपीएल), कृभको और सीआईएल ने सऊदी अरब की मादेन कंपनी के साथ समझौता किया है। यह समझौता डीएपी खाद की सप्लाई को लेकर किया गया है। मीडिया रिपोर्ट में समझौते के मुताबिक बताया गया है कि मादेन कंपनी अगले पांच सालों तक हर साल 3.1 मिलियन टन डीएपी खाद भारत को देगी। यह समझौता इस वित्तीय वर्ष से शुरू हो गया है। दोनों कंपनियां आपसी सहमति से इस समझौते को पांच साल के लिए और बढ़ा सकती है। यह समझौता उस समय हुआ है, जब रसायन और उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा सऊदी अरब की आधिकारिक यात्रा पर हैं। उनकी मौजूदगी में इस समझौता हुआ है। भारत में डीएपी खाद की कमी हो रही है। यूरिया के बाद डीएपी दूसरा सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला खाद है। चीन ने फॉस्फेट के निर्यात पर रोक लगा दी है। फॉस्फेट डीएपी खाद बनाने के लिए बहुत जरूरी होता है। इस वजह से भारत में डीएपी का उत्पादन कम हो गया है। चीन ने 26 जून से विशेष खाद का शिपमेंट भी रोक दिया है। विशेष खाद का इस्तेमाल फल, सब्जियां और दूसरी फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए किया जाता है। इस समझौते से भारतीय किसानों को डीएपी खाद आसानी से मिल सकेगी। अभी खरीफ की फसल का सीजन है। अगर शुरुआत में ही डीएपी की कमी हो जाती तो फसल पर असर पड़ सकता था। डीएपी खाद बुवाई के तुरंत बाद इस्तेमाल की जाती है। अपनी यात्रा के दौरान जेपी नड्डा ने सऊदी अरब के उद्योग और खनिज संसाधन मंत्री बंदर बिन इब्राहिम अल खोरायेफ के साथ बातचीत की। उन्होंने आपसी निवेश को बढ़ावा देने पर चर्चा की। खासकर भारतीय सरकारी कंपनियों के लिए सऊदी अरब के उर्वरक क्षेत्र में निवेश करने के अवसरों पर बात हुई। साथ ही सऊदी अरब भी भारत में निवेश कर सकता है। दोनों देशों ने डीएपी के साथ-साथ यूरिया खाद को भी शामिल करके द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाने पर सहमति जताई है। इससे भारत की खाद सुरक्षा मजबूत होगी। जेपी नड्डा ने कहा कि यह समझौता भारत के किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा। इससे उन्हें समय पर खाद मिलेगी और फसल का उत्पादन भी अच्छा होगा। वित्तीय वर्ष 2025 में भारत ने सऊदी अरब से 1.905 मिलियन टन डीएपी का आयात किया। यह पिछले वित्तीय वर्ष 2024 में आयात किए गए 1.629 मिलियन टन से करीब 17 फीसदी ज्यादा है। सिराज/ईएमएस 14जुलाई25