सीएम बोले-सरकार प्रस्तावित कानून के लिए धार्मिक संस्थाओं की लेगी राय चंडीगढ़,(ईएमएस)। पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान के घर पर सोमवार को एक अहम कैबिनेट बैठक हुई। बैठक में धार्मिक ग्रंथों और पूजा स्थलों के अपमान से निपटने के उद्देश्य से बहुप्रतीक्षित बेअदबी के खिलाफ विधेयक को मंज़ूरी दी गई। कैबिनेट की मंज़ूरी के साथ यह विधेयक पंजाब विधानसभा में पेश हो सकता है। यह कदम बेअदबी के खिलाफ एक सख्त कानून की बढ़ती जन मांग के बीच उठाया गया है, जो एक संवेदनशील मुद्दा है और जिसने अतीत में व्यापक विरोध और आक्रोश पैदा किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में पंजाब में बेअदबी के मामलों में कड़ी सजा देने का कोई सख्त कानून नहीं है। प्रस्तावित कानून जानबूझकर धार्मिक ग्रंथों या पवित्र स्थलों का अपमान करने के दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा देने का प्रावधान करता है। इस विधेयक में बेअदबी के मामलों की सुनवाई और समय पर न्याय करने के लिए विशेष फास्ट-ट्रैक अदालतें स्थापित करने का भी प्रावधान है। इसके अलावा इस कानून के तहत दोषियों को पैरोल नहीं दी जाएगी, जो शून्य-सहिष्णुता की दिशा में एक अहम कदम है। सीएम मान ने कहा कि उनकी सरकार बेअदबी के कृत्यों के खिलाफ कड़ी सजा के लिए राज्य विधानसभा में एक मसौदा विधेयक पेश करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार प्रस्तावित कानून के लिए सभी हितधारकों और धार्मिक संस्थाओं की राय लेगी। मान मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे थे। मान ने कहा कि हम इसका मसौदा तैयार कर रहे हैं। एक कानून बनाया जाएगा, लेकिन इसके लिए हम हितधारकों, धार्मिक संस्थाओं से बात करेंगे। हम मसौदा विधेयक पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि अंतिम मसौदे के लिए हमें समय चाहिए। इसे विधानसभा में पेश करने के बाद जनता की राय भी लेंगे। सिराज/ईएमएस 14जुलाई25