दुकान पर रखी सब्जियां अलीगढ़ (ईएमएस)। धनीपुर सब्जी मंडी के व्यापारियों के मुताबिक अन्य जिलों से आने वाली सब्जियों की आवक भी बारिश के चलते 30 फीसदी कम हुई है। खेतों में पानी भर गया है, जिससे स्थानीय फसलों की कटाई और आपूर्ति पर असर पड़ा है। बारिश में भीगने से हरी सब्जियों में काफी नुकसान हो रहा है। इसी तरह बारिश होती रही तो आने वाले दिनों में सब्जियों के दाम में और उछाल आएगा। रुक-रुक कर हो रही बारिश ने सब्जी बाजार में महंगाई की लहर ला दी है। स्थानीय आपूर्ति प्रभावित होने से पिछले 15 दिनों में ही सब्जियों के दाम दोगुने हो गए हैं। सबसे ज्यादा असर टमाटर, शिमला मिर्च और हरी मिर्च पड़ा है। इनके साथ लोकी, तोरई, भिंडी के भाव भी बढ़ गए हैं। बारिश के चलते स्थानीय सब्जी की फसल में काफी नुकसान हुआ है। अन्य जिलों से आने वाली सब्जियों की आवक में भी 30 फीसदी की कमी आई है, जिसके चलते सब्जियों के भाव लगभग दोगुने हो गए हैं। आने वाले दिनों में हरी सब्जियां और भी महंगी हो सकती हैं। बारिश में भीगने से सब्जी जल्दी खराब हो रही है। आमतौर पर इन दिनों में सस्ती रहने वाली लोकी, तोरई, काशीफल के दाम में भी उछाल आया है। खेतों में पानी भरा है, जिससे स्थानीय फसल प्रभावित हुई है। बंगलूरू और अरुणाचल प्रदेश से आ रहा टमाटर मंडी में स्थानीय टमाटर की आवक घटने से सब्जी व्यापारी अरुणाचल प्रदेश और बंगलूरू से टमाटर मंगा रहे हैं, जिससे दामों में और तेजी आई है। फुटकर में टमाटर 15 दिन पहले 30 रुपये किलो बिक रहा था, जो अब 60 से 70 रुपये किलो है। इसी तरह शिमला मिर्च 15 दिनों में ही 80 से 160 रुपये किलो तक पहुंच गई है। हरी मिर्च भी शतक लगा चुकी है। लोकी, तोरई और भिंडी आसमान के भाव आमतौर पर इन दिनों में सस्ती रहने वाली सब्जियां लोकी, तोरई, भिंडी और काशीफल पर भी महंगाई का रंग चढ़ गया है। इनके रेट 15 दिनों में लगभग दोगुने हो गए हैं। बारिश से स्थानीय स्तर पर इन सब्जियों में भारी नुकसान हुआ है। ईएमएस/धर्मेन्द्र राघव/ 15 जुलाई 2025