राज्य
15-Jul-2025


* भूपेन्द्र पटेल ने मौके पर जाकर मरम्मत कार्यों की क्वालिटी की जांच करने के निर्देश दिए गांधीनगर (ईएमएस)| मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में मानसून की भारी वर्षा के चलते क्षतिग्रस्त हुए नेशनल हाईवे, राज्य हाईवे और गांवों, नगरों एवं महानगरों की सड़कों को दुरुस्त करने का कार्य चौबीसों घंटे सातों दिन युद्धस्तर पर शुरू कराया है। उन्होंने मंगलवार को राज्य भर में चल रहे सड़कों एवं पुलों के मरम्मत कार्यों की समीक्षा सी.एम. डैशबोर्ड की वीडियो वॉल के माध्यम से की। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने यह सुनिश्चित करने को कहा कि प्री-मॉनसून गतिविधियों के हिस्से के रूप में पूरे राज्य में किए गए सड़कों, पुलों, नालों और कोज-वे के निरीक्षण के संदर्भ में मरम्मत के निर्देशों का पालन करने में कोई कमी या ढिलाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को सड़कों के मरम्मत कार्य के प्रति प्रो-एक्टिव दृष्टिकोण अपनाने और सड़कों को जल्द से जल्द पूर्ववत यातायात के लायक बनाने तथा नागरिकों की शिकायतों का तुरंत निवारण करने के साथ-साथ सड़क मरम्मत कार्य को प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने इस बैठक में इंजीनियरों एवं अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि छोटी-छोटी बातों को लेकर भी कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए। इसके अलावा, यह भी आवश्यक है मरम्मत कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर इस प्रकार किया जाए, जिससे आम जनता को कोई परेशानी ना हो। इस संदर्भ में उन्होंने साफ तौर पर कहा कि संबंधित अधिकारी सड़क एवं भवन विभाग के 24X7 कंट्रोल रूम, ‘गुजमार्ग’ एप्लीकेशन, महानगर पालिकाओं के मोबाइल ऐप, वॉट्सऐप, वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर, सिटी सिविक सेंटर और कमांड एंड कंट्रोल सेंटर पर आने वाली नागरिकों की सभी शिकायतों की निगरानी करें, ताकि त्वरित और संतोषजनक मरम्मत कार्य सुनिश्चित किया जा सके। शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव एम. थेन्नारसन ने बताया कि नागरिकों की शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए शहरी क्षेत्रों में कार्यरत तंत्र के अंतर्गत महानगरों में नागरिकों से प्राप्त 15,424 शिकायतों में से 12,023 का सकारात्मक रूप से निस्तारण हो गया है। मुख्यमंत्री ने ई-नगर पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के संदर्भ में नियमित फॉलोअप करने और फील्ड चेक के लिए विशेषज्ञ एजेंसी की मदद से शिकायतों का समाधान करने के भी सुझाव दिए। सड़क एवं भवन विभाग के सचिव पी.आर. पटेलिया ने मुख्यमंत्री को बताया कि विभाग की ओर से कार्यरत किए गए ‘गुजमार्ग’ एप्लीकेशन पर प्राप्त 3632 शिकायतों में से 99.66 फीसदी का समाधान कर दिया गया है। मुख्यमंत्री के सीधे मार्गदर्शन के अंतर्गत किए गए प्रयासों और व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ ही नागरिकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया के कारण पिछले 3 दिनों में ‘गुजमार्ग’ एप्लीकेशन पर यूजर्स की संख्या 10,767 से बढ़कर 28,449 हो गई है। इस प्रकार, 164 फीसदी की वृद्धि के साथ 17,682 नए नागरिकों ने ऐप पर पंजीकरण कराया है। राज्य सरकार इस एप्लीकेशन का लगातार प्रचार-प्रसार कर रही है, जिससे कि लोग इसका लाभ उठा सकें। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए कि अधिकारी और संबंधित महानगरों और जिला प्रशासन के अधिकारी फील्ड विजिट कर मरम्मत कार्यों की लगातार निगरानी करें। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के स्पष्ट निर्देश दिए कि सड़क एवं भवन विभाग द्वारा सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यातायात के लिए बंद किए गए पुलों के स्र्दक्चर्स की पर्याप्त जांच की जाए और मरम्मत कार्य में गुणवत्ता बरकरार रखी जाए। इसके अलावा, उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि राज्य सरकार द्वारा सभी पुलों की त्वरित समीक्षा कर उचित मरम्मत के लिए दिए गए तत्काल कार्रवाई के आदेश का भी अवश्य पालन किया जाए। भूपेंद्र पटेल ने सुझाव दिया कि यदि इस प्रकार के पुलों पर यातायात को डायवर्ट किया गया है, तो वैकल्पिक रूट भी सेफ और सिक्योर होना चाहिए, साथ ही वाहनों की आवाजाही के कारण ट्रैफिक जाम नहीं होना चाहिए, इसकी भी व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि हमारा ध्येय यही है कि मरम्मत कार्य लगातार चलता रहे और नागरिक जीवन में कोई रुकावट या अड़चन ना आए। उन्होंने कहा कि जब बारिश ना हो, ऐसे सभी दिनों में अतिरिक्त मैनपावर को काम पर लगाकर सड़कों और पुलों को शीघ्र ही बहाल करने और मोटरेबल बनाने के कार्य आयोजन को प्राथमिकता दी जाए। मुख्यमंत्री ने यह मार्गदर्शन भी दिया कि सभी जिले, नगर और महानगर राज्य सरकार के सड़क एवं भवन विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर मरम्मत कार्यों के लिए पर्याप्त मटेरियल- कपची, डामर, मशीनरी और व्हाइट टॉपिंग की व्यवस्था उचित पद्धति से करें। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिए कि विशेषकर नेशनल हाईवे के जिन पुलों और सड़कों के क्षतिग्रस्त होने के कारण अंतरराज्यीय परिवहन प्रभावित हुआ है, उन सड़कों की जल्द से जल्द मरम्मत कर उन्हें बहाल किया जाए। एऩएचएआई के अधिकारियों ने कहा कि उनके कार्यक्षेत्र में 33.78 किलोमीटर लंबाई की जिन सड़कों की मरम्मत का काम अभी चल रहा है, वह 30 जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने भारत सरकार द्वारा नेशनल हाईवे से जुड़ी शिकायतों और समस्याओं के त्वरित निवारण के लिए डिजाइन किए गए नागरिक-केंद्रित एप्लीकेशन ‘राजमार्गयात्रा’ मोबाइल ऐप के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नेशनल हाईवे पर यात्रा करने वाले लोग किसी भी आपात स्थिति, सड़कों में क्षति-खराबी या अन्य सेवा संबंधित समस्याओं को लेकर फौरन संपर्क कर सकें, इसके लिए 24X7 सेवारत टोल-फ्री नंबर 1033 भी कार्यरत किया गया है। मुख्यमंत्री के सीधे मार्गदर्शन में सड़क एवं भवन विभाग, शहरी विकास विभाग सहित संबंधित विभागों के उच्च अधिकारियों, मनपा आयुक्तों, रीजनल कमिश्नरों और जिला कलेक्टरों द्वारा पैचवर्क और गड्ढे भरने के काम सहित मरम्मत कार्यों को तेजी से पूरा करने के लिए मौके पर जाकर की जा रही लगातार निगरानी के संदर्भ में भी सर्वग्राही समीक्षा की गई। गुजरात में राज्य, पंचायत, राष्ट्रीय राजमार्ग और पाटनगर (राजधानी) योजना सहित सड़कों के कुल नेटवर्क में से क्षतिग्रस्त सड़कों पर 47 फीसदी पैचवर्क का काम पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा, अब तक कुल 63 फीसदी से अधिक गड्ढे भरने का काम पूरा हो चुका है। राज्य की कुल 17 महानगर पालिकाओं के अंतर्गत आने वाली सड़कों की मरम्मत का अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है। इस समीक्षा में मुख्य सचिव पंकज जोशी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एम.के. दास, मुख्यमंत्री के सलाहकार एस.एस. राठौर, शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव एम. थेन्नारसन, मुख्यमंत्री की अपर प्रधान सचिव अवंतिका सिंह और सचिव विक्रांत पांडेय, सड़क एवं भवन विभाग के सचिव पी.आर. पटेलिया और संबंधित अधिकारी गांधीनगर से तथा जिला प्रशासन, नगरों और महानगरों के स्थानीय निकायों के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए और अपने-अपने क्षेत्रों के कामकाज का ब्यौरा दिया। सतीश/15 जुलाई