राज्य
15-Jul-2025


अहमदाबाद (ईएमएस)| सांप प्रकृति की एक अनूठी रचना हैं, जो पर्यावरण की सुंदरता और संतुलन का अभिन्न अंग हैं। प्रकृति द्वारा निर्मित खाद्य श्रृंखला के अनुसार, सांप छोटे जीवों और कीड़ों को खाकर उनकी आबादी को नियंत्रित करके पारिस्थितिक श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस प्रकार, सांपों के पारिस्थितिक महत्व को उजागर करने और उनके संरक्षण के माध्यम से जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 16 जुलाई को विश्व सर्प दिवस मनाया जाता है। जिसके तहत राज्य में वन विभाग एवं विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से सर्प संरक्षण एवं जागरूकता के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। गुजरात में सांपों की लगभग 50 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के मार्गदर्शन और वन एवं पर्यावरण मंत्री मुलुभाई बेरा तथा राज्य मंत्री मुकेश पटेल के नेतृत्व में, वन विभाग सांपों के संरक्षण और प्रजनन के लिए कई परियोजनाएँ चला रहा है। इसके तहत गांधीनगर के इंद्रोदा नेचर पार्क और जूनागढ़ के सक्करबाग चिड़ियाघर के सर्पगृह में वन विभाग के कर्मयोगी लाखों दर्शकों को नाग, काले सांप, फुरसोस और खलीचत्र जैसे जहरीले सांपों के साथ-साथ अजगर, धामन, भम्फोडी, अंधे सांप जैसे विषहीन सांपों की पहचान कर उनका महत्व समझाया जाता है। राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों और सरकारी अस्पतालों में सांप के काटने के उपचार हेतु विष-रोधी दवाओं का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध रखा जाता है। साँप के जहर का इस्तेमाल दवाइयाँ बनाने में भी किया जाता है, जो हृदय रोग, रक्तचाप और कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज में बेहद उपयोगी हैं। इसी सिलसिले में, राज्य सरकार ने वलसाड ज़िले के धरमपुर में एक सांप अनुसंधान केंद्र स्थापित किया है। जहां सांप के जहर से एंटीवेनम और अन्य दवाइयाँ बनाने के लिए कई शोध किए जा रहे हैं। सांपों की रक्षा का अर्थ है पर्यावरण की रक्षा, इसे सार्थक बनाने के लिए वन विभाग द्वारा शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सर्प बचाव दल गठित किए गए हैं। ये टीमें सुरक्षित रूप से साँपों को पकड़कर उनके प्राकृतिक आवासों में छोड़ती हैं। जिसके तहत वन विभाग द्वारा संचालित वन्यजीव देखभाल केंद्र के माध्यम से 1 जुलाई 2024 से 30 जून 2025 तक पिछले एक वर्ष के दौरान अहमदाबाद शहरी क्षेत्र के आसपास से लगभग 492 सांपों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर छोड़ा गया| इसके अलावा, राज्य में कई धर्मार्थ संगठन भी निस्वार्थ भाव से जीवों के कल्याण के इस नेक कार्य में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। राज्य भर में साँपों के संरक्षण और प्रजनन के उद्देश्य से, वन विभाग साँपों को पकड़ने के लिए व्यवस्थित प्रशिक्षण और प्रमाणन प्रदान करता है। यहां यह उल्लेखनीय है कि दुनिया भर में सरीसृप वर्ग में साँपों की 3,000 से अधिक प्रजातियाँ हैं। सांप मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं ज़हरीले और बिना ज़हरीले। सांपों की विषैली प्रजातियों में भारतीय कोबरा, सामान्य क्रेट, रसेल वाइपर और स्केली-स्केल्ड वाइपर शामिल हैं, जो मुख्य रूप से अपने शिकार को काटते हैं और केवल आत्मरक्षा के लिए ही ऐसा करते हैं। जबकि गैर-विषैले साँपों की श्रेणी में अजगर, धामन, भम्फोड़ी और अंधे सांप जैसे सांप शामिल हैं। सांप के काटने से बचने के लिए दिशानिर्देश: क्या करें: यदि आपका सामना किसी सांप से हो जाए तो शांत रहें और कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें, वन विभाग के हेल्पलाइन नंबर 1926 पर संपर्क करें, काटे गए अंग को स्थिर रखें और तुरंत उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल पहुंचें। क्या न करें: घबराएं नहीं, सांप को छेड़ें या परेशान न करें, काटे गए स्थान को काटें या चूसें नहीं, तांत्रिक और घरेलू उपचार पर भरोसा न करें, सांप को पकड़ने या मारने की कोशिश न करें, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत सांप को मारना या नुकसान पहुंचाना अपराध है। सतीश/15 जुलाई