राष्ट्रीय
16-Jul-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। केरल के तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर ब्रिटिश रॉयल नेवी का एक फाइटर जेट एफ-35बी पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से धीरे-धीरे दम तोड़ने को मजबूर है। बता दें ईंधन की कमी की वजह से इमरजेंसी लैंडिंग के बाद यह लड़ाकू विमान खराब हो गया था इसे दुनिया के बड़े-बड़े एविएशन इंजीनियर ठीक नहीं कर सके। इस स्टील्थ फाइटर जेट को दुनिया की सबसे बड़ी डिफेंस कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है, जो कि अमेरिकी सरकार की भी सबसे बड़ी डिफेंस सप्लायर है। अब रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि केरल में उतरे एफ-35बी लड़ाकू विमान के साथ ही ऐसी तकनीकी दिक्कत सामने नहीं आ रही हैं। ट्रंप प्रशासन भी एफ-35 जेट के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की दिक्कतों से बड़ी मुश्किलें झेल रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक लॉकहीड मार्टिन ने इस साल 1 मई तक अमेरिकी सरकार को 72 एफ-35 फाइटर जेट दिए हैं। इस डिलिवरी में काफी देर हुई है, क्योंकि इसके सॉफ्टवेयर अपग्रेडेशन में दिक्कतों की वजह से यह डिलिवरी कुछ महीनों से अटकी पड़ी थी। ये अपग्रेड टेक्नोलॉजी रिफ्रेश-3 के नाम से जाना जाता है। इसका मकसद एफ-35 विमानों के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर को बेहतर बनाना है। इसमें फाइटर जेट के बेहतर डिस्प्ले और प्रोसेसिंग पावर शामिल है। लॉकहीड मार्टिन अमेरिकी सरकार को इन विमानों को समय पर डिलिवरी नहीं कर पा रहा है, इसके चलते पेंटागन ने पिछले साल से ही हर जेट पर 5 मिलियन डॉलर रोक लिए थे। हालांकि जनवरी में ये रकम 1.2 मिलियन डॉलर प्रति विमान कम कर दी गई। क्योंकि, डिफेंस कांट्रेक्टर ने अपग्रेड में कुछ प्रगति दिखी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि नए विमानों के लिए फंड अभी भी रोका जाएगा और इसे अगले साल तक धीरे-धीरे जारी किया जाएगा। बता दें बीते 6 जुलाई तक ब्रिटिश रॉयल नेवी का यह लड़ाकू विमान एयरपोर्ट के वीआईपी पार्किंग-वे में खड़ा था। इसकी स्टील्थ टेक्नोलॉजी लीक होने के डर से ब्रिटिश रॉयल नेवी और अमेरिकी अधिकारी इसे हैंगर में ले जाने के लिए भी तैयार नहीं हो रहे थे। जबकि भारत ने शुरू से उन्हें हर मुमकिन सेवाएं देने की पेशकश की है। आखिरकार वह इसे हैंगर में ले जाने को मजबूर हुए। पिछले एक हफ्ते से ज्यादा समय से 24 इंजीनियरों और तकनीशियनों की एक टीम इसके हाइड्रोलिक सिस्टम की मरम्मत में जुटी है, लेकिन इसके ठीक होने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। सिराज/ईएमएस 16 जुलाई 2025