राज्य
16-Jul-2025
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जय-जयकारों से गूंज उठा कार्यक्रम स्थल, निर्यापक मुनिश्री योग सागरजी ससंघ 12 मुनिराज करेंगे आगामी चार माह तक धर्म साधना गुना (ईएमएस)। धर्म, भक्ति और आस्था से ओतप्रोत वातावरण में मंगलवार को गुना शहर ऐतिहासिक क्षणों का साक्षी बना जब आचार्यश्री विद्यासागरजी एवं वर्तमान आचार्य प्रवर समय सागरजी महाराज के सगे गृहस्थ जीवन के सगे भाई निर्यापक मुनिश्री योग सागरजी महाराज ससंघ 12 मुनिराजों के चातुर्मास के लिए मंगल कलशों की स्थापना विधि-विधान, मंत्रोच्चारण और श्रद्धा के साथ की गई। चातुर्मास के इस शुभारंभ अवसर पर नगर के विभिन्न धार्मिक, सामाजिक संगठनों और दूर-दराज से आए हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसने पूरे शहर को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया। इस मौके पर मंगलवार दोपहर 1:30 बजे चौधरी मोहल्ला स्थित संत निवासी से आरंभ हुई यह भव्य शोभायात्रा पंडाजी चौराहा, बताशा गली, नीचला बाजार, सदर बाजार, जयस्तंभ चौराहा, बीजी रोड से होकर ऋभषायतन नसियांजी पहुंची। कार्यक्रम में मुनिसंघ के दर्शनार्थ गुना सहित अंचलभर और देशभर से जनसमूह उमड़ पड़ा। इस दौरान कार्यक्रम स्थाल पर जय-जयकारों की गूंज ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। ऋभषायतन पहुंचने के पश्चात विधिवत मंगलाचरण के साथ चातुर्मास कलश स्थापना का अनुष्ठान प्रारंभ हुआ। प्रबंधकारिणी समिति, सेवाभावी संगठनों, महिला मंडलों, पाठशाला परिवारों सहित देशभर से आए श्रद्धालुओं ने श्रीफल अर्पित कर मुनिसंघ से गुना में चातुर्मास करने का निवेदन किया। इस अवसर पर संगीत की मधुर धुनों के बीच आचार्यश्री की पूजन अष्टद्रव्य से सम्पन्न हुई, जिसमें अतिथियों ने विशेष सहभागिता निभाई। कार्यक्रम के दौरान मुनिराजों के गृहस्थ जीवन के परिजनों का मंच पर शॉल, श्रीफल एवं माला पहनाकर सम्मान किया गया, जिसे जनसमूह ने भावविभोर होकर देखा। मंच संचालन विनय भैयाजी बंडा एवं मनोज लल्लन भैया जबलपुर ने किया। उन्होंने मंगल कलशों के महत्व का विस्तार से वर्णन करते हुए महापुण्यार्जकों का चयन भी किया। प्रमुख कलशों की हुई स्थापना इस विशेष अवसर पर सात प्रमुख कलशों के साथ सैकड़ों की संख्या में छोटे-छोटे मंगल कलशों की स्थापना की गई। इनमें प्रथम पाश्र्वनाथ कलश की स्थापना धारनावदा निवासी मनोजकुमार, निशा मयंक, शुभ्रा तुभ्यम, हिमांशी जैन परिवार ने की। द्वितीय कलश आचार्यश्री शांतिसागर कलश की स्थापना पवनकुमार, अमितकुमार, राहुलकुमार जैन आनंदपुर परिवार भोपाल ने की। आचार्यश्री वीरसागर कलश की स्थापना सपना राकेश कुमार, रोहनकुमार जैन चौधरी टैक्टर्स परिवार गुना द्वारा की गई। आचार्यश्री शिवसागर कलश डॉ. राजेशकुमार जैन दिवाकर पूर्व सिविल सर्जन द्वारा स्थापित किया गया। ज्ञानसागर कलश नीति-विनीत कुमार, विनोद अनुपम जैन भोपाल द्वारा तथा विद्यासागर कलश अजमेर राजस्थान के अजय जैन धनगसिया परिवार द्वारा स्थापित किया गया। समयसागर कलश की स्थापना बुधमल, सुगनचंद, अनिलकुमार, सुनीलकुमार, संजयकुमार जैन कामिनी ट्रेडर्स परिवार गुना ने की। इसके अलावा श्रद्धालुओं द्वारा विद्याप्रतिभापरोपकार कलश, वात्सल्य कलश, धर्म प्रभावना कलश सहित अन्य विविध नामों से सैकड़ों छोटे कलशों की भी स्थापना की गई, जिससे आयोजन का स्वरूप और अधिक भव्य बन गया। चातुर्मास में चार माह तक गुना रहेंगे 12 मुनिराज यह उल्लेखनीय है कि आचार्यश्री समय सागरजी महाराज के आशीर्वाद से गुना में इस वर्ष का चातुर्मास निर्यापक मुनिश्री योग सागरजी महाराज का ससंघ संपन्न होगा। उनके साथ मुनिश्री नीरोग सागरजी, निर्मोह सागरजी, निरामय सागरजी, निर्भीक सागरजी, ऐलकगण सुधार सागरजी, चैत्य सागरजी, अपार सागरजी, तन्मय सागरजी, आगत सागरजी, भास्वत सागरजी एवं स्वस्तिक सागरजी महाराज की सुसंघ उपस्थिति रहेगी। ये सभी 12 मुनिराज-ऐलक आगामी चार माह तक गुना नगर में निवास कर चातुर्मास धर्म साधना, प्रवचन, तप और उपदेशों के माध्यम से श्रद्धालुओं को लाभान्वित करेंगे। गुना नगर के लिए यह चातुर्मास एक गौरवपूर्ण और पुण्यदायक अवसर माना जा रहा है, जिसमें प्रतिदिन धर्ममय आयोजन, प्रवचन, ध्यान साधना एवं स्वाध्याय से समूचा नगर अध्यात्म की रोशनी में प्रकाशित होगा। (सीताराम नाटानी -ईएमएस)