हरिद्वार (ईएमएस)। शांतिकुंज की अधिष्ठात्री शैलदीदी ने आज शांतिकुंज परिसर में आयोजित बहिनों की विशेष संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक महिला को अपनी प्रतिभा का नियमित रूप से परिष्कार करते रहना चाहिए। जीवन में आगे बढ़ने और उत्तरदायित्वों को सफलतापूर्वक निभाने के लिए नित्य कुछ नया सीखने का अभ्यास आवश्यक है। सीखने की कोई उम्र नहीं होती, बस सतत अभ्यास और आत्मविश्वास की आवश्यकता होती है। स्नेहसलिला दीदी कहा कि उन्हें भविष्य में बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियाँ संभालनी हैं, जिसके लिए आज से ही मानसिक, बौि)क और भावनात्मक रूप से तैयार होना जरूरी है। शैलदीदी ने गाय=ी परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा के तप, साधना एवं सेवा भाव को प्रेरणास्रोत बताते हुए उनके जीवन की विस्तृत झलकियाँ प्रस्तुत कीं। उन्होंने बताया कि वंदनीया माताजी ने स्वतं=ता संग्राम के दौरान क्रांतिकारियों का भरपूर सहयोग किया और बाद में गाय=ी तपोभूमि, मथुरा में हजारों साधकों का मार्गदर्शन कर उन्हें आत्मिक दिशा दी। श्र)ेया दीदी ने कहा कि वर्ष 2026 में माताजी का जन्मशताब्दी वर्ष मनाया जाएगा। इस उपलक्ष्य में जनवरी एवं नवंबर में बड़े आयोजन होने हैं, जिनमें बहिनों को भी भाइयों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सक्रिय भागीदारी निभानी होगी। इस अवसर पर शांतिकुंज की समस्त बहिनें उपस्थित रहीं। (फोटो-20) शैलेन्द्र नेगी/ईएमएस/21 जुलाई 2025