22-Jul-2025
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:: जैनाचार्य विश्वरत्नसागर म.सा. ने इंदौर में दिया अध्यात्म का गहरा संदेश :: इंदौर (ईएमएस)। जैन धर्म में तप, त्याग और साधना का महत्व बताते हुए जैनाचार्य विश्वरत्न सागर म.सा. ने आज नरसिंह वाटिका में चल रहे चातुर्मासिक अनुष्ठान की धर्मसभा में एक प्रेरक संदेश दिया। उन्होंने कहा, दूसरों के श्रेष्ठ सेवाकार्यों और तपस्या-साधना की प्रशंसा या अनुमोदना करना भी पुण्य प्राप्ति जैसा ही कर्म है। जैनाचार्य ने यह भी बताया कि साधु का जीवन स्वयं के लिए नहीं, दूसरों के लिए होता है, और उन्हीं के तप-त्याग से जिनशासन की प्रतिष्ठा कायम है। युवा हृदय सम्राट जैनाचार्य ने चातुर्मास को स्वयं को तपाने और अपनी क्षमता को परखने का दुर्लभ अवसर बताया। उन्होंने कहा कि सुख और दुख जीवन का स्वाभाविक क्रम हैं, लेकिन दुख का आनंद अद्भुत होता है, जो मनुष्य को मजबूत बनाता है। दुख को कोसने के बजाय उसे सहन करने की क्षमता भी तप और संयम का ही हिस्सा है। अर्बुद गिरिराज जैन श्वेताम्बर तपागच्छ उपाश्रय ट्रस्ट, जैन श्वेताम्बर मालवा महासंघ और नवरत्न परिवार इंदौर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस अनुष्ठान में जैनाचार्य ने उत्तराध्ययन सूत्र की 22 परीक्षाओं की विवेचना की। उन्होंने श्रावकों का आह्वान किया कि वे चातुर्मास के दौरान तपस्या और आराधना में पीछे न रहें, क्योंकि जितनी अधिक साधना होगी, उपासना उतनी ही सार्थक बनेगी। धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिप्रवर उत्तमरत्न सागर म.सा. ने आज के समाज पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आज व्यक्ति की पहचान उसके चरित्र से नहीं, बल्कि बाह्य आडम्बर और दिखावे से होने लगी है। आज की दुनिया प्रदर्शन की हो गई है। उन्होंने अफसोस जताया कि चारित्र्य की श्रेष्ठता गौण होती जा रही है और लोग ज्ञान के बजाय भौतिक Possessions (गहने, कपड़े, मोबाइल, बंगले) को अधिक महत्व दे रहे हैं। इसी कारण आधे से अधिक लोग मानसिक रोगी और अवसाद के शिकार होते जा रहे हैं। उन्होंने चातुर्मास को अपने अंदर झांककर कमियों को परखने का अवसर बताया। गणिवर्य कीर्तिरत्न सागर म.सा. ने चातुर्मास में बढ़ती तपस्याओं और साधकों की संख्या की अनुमोदना करते हुए कहा कि जैनाचार्य विश्वरत्नसागर म.सा. की पावन निश्रा में ऐसा दुर्लभ संयोग बार-बार नहीं मिलेगा। आयोजन समिति की ओर से अध्यक्ष पारसमल बोहरा, चातुर्मास संयोजक पुण्यपाल सुराना, कैलाश नाहर, ललित सी. जैन, दिलसुखराज कटारिया, मनीष सुराना, प्रीतेश ओस्तवाल, दिलीप मंडोवरा और दीपक सुराना ने सभी समाजबंधुओं की अगवानी की। लाभार्थी परिवार का बहुमान शैलेन्द्र नाहर, अंकित मारू, रीतिश आशीष जैन, मोनिश खूबाजी, ऋषभ कोचर द्वारा किया गया। आगामी कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया गया कि बुधवार रात 9 बजे नरसिंह वाटिका पर प.पू. विश्वरत्न सागर म.सा. की निश्रा में युवाओं की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई है। इसके अलावा, 25 जुलाई को महामांगलिक का भी आयोजन होगा। सिद्धि तप आराधना, आयम्बिल और अन्य उपवास आदि का क्रम पूरे उत्साह से चल रहा है। प्रवचन प्रतिदिन सुबह 9 बजे से हो रहे हैं। प्रकाश/22 जुलाई 2024 संलग्न चित्र : इंदौर। अर्बुद गिरिराज जैन श्वेताम्बर तपागच्छ उपाश्रय ट्रस्ट नरसिंह वाटिका में जैनाचार्य प.पू. विश्वरत्नसागर म.सा. की धर्मसभा में उपस्थित समाजजन।