भोपाल/इंदौर (ईएमएस)। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए बताया है कि पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के खतरनाक कचरे को भस्मक में जलाने के बाद, उसकी राख में किसी भी प्रकार के कैंसर कारक पेस्टीसाइड या इनसेक्टीसाइड नहीं पाए गए हैं। बोर्ड के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार मंडरई ने यह जानकारी दी। मंडरई ने बताया कि राख में भारी धातुओं (हेवी मेटल्स) की मात्रा भी बहुत सीमित पाई गई है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि इस राख से भूमिगत जल की गुणवत्ता प्रभावित नहीं होगी और न ही भविष्य में कोई खतरा उत्पन्न होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस पूरे क्षेत्र की अगले 30 वर्षों तक लगातार निगरानी की जाएगी। यह जानकारी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस कचरे को लेकर लंबे समय से पर्यावरण और स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बनी हुई थीं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का यह बयान इन चिंताओं को दूर करने वाला है। कचरे का सुरक्षित निपटान सुनिश्चित करने के लिए पीथमपुर प्लांट में इसका वैज्ञानिक तरीके से भस्मीकरण किया गया था। यह कदम न केवल पर्यावरण की सुरक्षा के लिए उठाया गया है, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया गया है कि स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर इसका कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े। बोर्ड ने कहा है कि इस प्रक्रिया से यह सिद्ध होता है कि हानिकारक कचरे का सुरक्षित निपटान संभव है। प्रकाश/2 अगस्त 2025