04-Aug-2025
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-अब वायुसेना जेएफ-17 थंडर पर हो रही निर्भर, जो पाक-चीन का संयुक्त उत्पाद इस्लामाबाद,(ईएमएस)। अमेरिका से मिले एफ-16 लड़ाकू विमान पाकिस्तान वायुसेना की हवाई ताकत का गौरव थे। हालांकि अब ये फाइटर जेट संकट का सामना कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रैट एंड व्हिटनी एफ100 इंजनों में तकनीकी खराबी, पुराने होने के कारण टूट-फूट और स्पेयर पार्ट्स की भारी कमी ने इन विमानों को जमीन पर ला दिया है। पिछले तीन सालों में दर्जनों इंजन खराब हो चुके हैं, जिससे पाक वायुसेना की परिचालन क्षमता पर गहरा असर पड़ा है। अमेरिका के सख्त निर्यात नियंत्रण और विदेशी सैन्य बिक्री कार्यक्रम के लिए भुगतान में देरी ने इंजन पार्ट्स और रखरखाव किट की आपूर्ति रोक दी है। इसके चलते पाकिस्तान के पास हर मौसम में लड़ने वाले मल्टीरोल जेट की उपलब्धता सीमित हो गई है, जो राष्ट्रीय एयर डिफेंस के लिए बड़ा झटका है। एफ-16 की उम्र और अमेरिकी प्रतिबंधों ने इस संकट को और मुश्किल बना दिया है। अमेरिका-पाकिस्तान समझौते के तहत इन विमानों का उपयोग केवल निर्धारित ठिकानों से और काउंटर-टेररिज्म के लिए सीमित है, जिसके उल्लंघन पर लॉजिस्टिक सप्लाई रुक सकती है। नतीजतन, कई एफ-16 विमान मरम्मत या पार्ट्स के इंतजार में खड़े हैं, जिससे नियमित गश्त और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रभावित हो रही है। पाक वायुसेना अब जेएफ-17 थंडर पर निर्भरता बढ़ा रहा है, जो पाकिस्तान और चीन का संयुक्त उत्पाद है, लेकिन जेएफ-17 के रूसी आरडी-93 इंजनों में भी रखरखाव और स्पेयर पार्ट्स की कमी की समस्या है, क्योंकि रूस पर प्रतिबंध और तकनीकी सीमाएं इसे एफ-16 का पूर्ण विकल्प बनने से रोक रही है। इस संकट ने पाकिस्तान को रणनीतिक रूप से कमजोर स्थिति में ला दिया है। राष्ट्रीय एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी पार्क के तहत पीएएफ ड्रोन और मानवरहित एयर डिफेंस सिस्‍टम पर ध्यान दे रहा है। स्थानीय कंपनी ग्वाल्फा टेक प्राइवेट लिमिटेड के जरिए ड्रोन खरीद और स्वदेशीकरण पर जोर है, जो खुफिया जानकारी और सटीक हमलों की क्षमता बढ़ाता है। पाकिस्‍तान चीन से नॉरिन्को से तोपखाने, बख्तरबंद प्रणालियां और वीटी4 एमबीटी जैसे उपकरण खरीद रहा है, जो युद्धक्षेत्र में गतिशीलता बढ़ाते हैं, साथ ही वह तुर्की के साथ रक्षा सहयोग भी बढ़ रहा है, जिसमें मिल्गेम कॉर्वेट्स और बायरकतार ड्रोन शामिल हैं, जो नौसैनिक और मानवरहित युद्ध में अहम हैं। हालांकि, टी-129 सौदे में अमेरिकी निर्यात कंट्रोल ने बाधा डाली। पाकिस्तान का एफ-16 संकट उसकी रक्षा रणनीति के लिए चुनौती है। अगर अमेरिका के साथ सहयोग नहीं बढ़ा या कोई वैकल्पिक समाधान नहीं मिला, तो पाक वायुसेना की हवाई ताकत और राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ेगा। सिराज/ईएमएस 04 अगस्त 2025