अंतर्राष्ट्रीय
20-Aug-2025
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वॉशिंगटन,(ईएमएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेहेती सेक्रेटरी करोलिन लेविट ने कहा कि रूस-यूक्रेन जंग खत्म करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर प्रतिबंध लगाया। वाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी लेविट का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप नेरूस-यूक्रेन जंग खत्म करने के लिए ही भारत पर प्रतिबंध लगाए हैं। लेविट का कहना है कि मॉस्को पर दबाव डालने के लिए यह कदम उठाया गया है। अब सवाल है कि ट्रंप की चहेती सेक्रेटरी से गलती से ये शब्द निकले हैं या असल में मंशा यही है। कारण कि अमेरिका ने अब तक भारत पर कोई सैंक्शन यानी प्रतिबंध नहीं लगाए हैं। अमेरिका ने तो केवल 25 फीसदी एक्स्ट्रा टैरिफ लगाए हैं। ऐसे में एक और सवाल है कि क्या अमेरिका टैरिफ से दो कदम आगे बढ़कर भारत पर प्रतिबंध लगाने की सोच रहा है? वाइट हाउस की सेक्रेटरी की बातों से अब दो चीजें स्पष्ट होती हैं। या तो सैंक्शन यानी प्रतिबंध वाली बात गलती से सेक्रेटरी के मुंह से निकली या फिर यह अमेरिका की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है? भारत पर एक्स्ट्रा 25 फीसदी टैरिप लगाने को लेकर अमेरिका ने रूसी तेल खरीद का तर्क दिया है। अमेरिका का आरोप है कि भारत के तेल खरीदने से रूस की युद्ध मशीन को ईंधन मिलता है। यानी तेल के पैसों से रूस यूक्रेन जंग लड़ रहा है। अमेरिका का कहना है कि भारत रूस का दूसरा सबसे बड़ा तेल ग्राहक है। हालांकि, भारत ने भी अमेरिका को साफ-साफ सुना दिया था। ट्रंप के टैरिफ पर भारत झुका नहीं है। भारत ने करारा जवाब दिया है। भारत ने तो साफ कह दिया है कि भारत अपने किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा। साथ ही रूसी तेल पर भी भारत ने अमेरिका और यूरोपीय देशों की पोल खोली है। भारत ने साफ कहा है कि रूस के साथ अमेरिका के खुद कारोबारी रिश्ते हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के एक्स्ट्रा टैरिफ को अनुचित और तर्कहीन करार दिया है। अमेरिका ने भारत पर यह टैरिफ ऐसे वक्त में लगाया है, जब रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने की कवायद जोरों से चल रही है। ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेंलेंस्की के साथ त्रिपक्षीय शांति वार्ता की योजना बनाई है। वीरेंद्र/ईएमएस/20अगस्त2025