क्षेत्रीय
04-Sep-2025


बिलासपुर (ईएमएस)। कुनकुरी के पूर्व कांग्रेसी विधायक यूडी मिंज की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह जनहित याचिका का दुरुपयोग है। याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि इस पर एफआईआर क्यों नहीं कराई? जिस पर महाधिवक्ता ने तर्क देते हुए बताया कि 2025 से जैम पोर्टल से खरीदी शुरू हो चुकी हैं। यह नियम बाद में आया है। मामले में एक सप्ताह बाद दोबारा सुनवाई होगी। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के पूर्व विधायक यूडी मिंज ने अमानक कृषि उपकरण और खतरनाक कीटनाशक खरीदी में घोटाले का आरोप लगाया है। मिंज ने इस मुद्दे पर जनहित याचिका दायर कर घोटाले की जांच की मांग की। याचिकाकर्ता का आरोप है कि किसानों को निंदाई- गुडाई के लिए पावर वीडर उपकरण 1.26 लाख रुपए में बेचे गए जबकि ऐसी मशीनें 50 हजार रुपए में मिल रही हैं। इस पावर वीडर की दर राज्य बीज निगम द्वारा तय की गई थी। मामले के अनुसार वर्ष 2020-21, 21-22 और 2022-23 में तीन अलग-अलग केन्द्रीय योजनाओं के तहत 4 हजार 500 से अधिक पावर वीडर किसानों के वितरित किए गए है। इनमें 73 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ है। केंद्र सरकार की टेस्टिंग एजेंसी की जांच में इन्हें अमानक पाया गया है। उद्यानिकी विभाग, बीज निगम के अफसर शामिल होने का आरोप दरअसल, एकीकृत बागवानी मिशन योजना (एमआईडीएच), परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाय), राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाय) में सब्सिडी की राशि 40 व 50 प्रतिशत है। याचिका में कहा गया कि इस घोटाले में राज्य उद्यानिकी विभाग, बीज निगम के अफसर शामिल हैं। डीएमएफ फंड से भी कई जिलों में पावर वीडर खरीदे गए हैं। केंद्रीय मंत्रालय के निर्देश पर इस मामले में जांच जारी है। इसके साथ ही पैक हाउस (टीन शेड) व नेट हाउस की भी जांच जारी है। मनोज राज/योगेश विश्वकर्मा 04 सितंबर 2025