क्षेत्रीय
04-Sep-2025


बिलासपुर (ईएमएस)। छत्तीसगढ़ की जेलों में क्षमता से कहीं अधिक कैदियों के बंद होने के मामले में बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने प्रदेश की जेलों की वास्तविक स्थिति, निर्माण कार्य और सुधारात्मक कदमों की जानकारी ली। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश की विभिन्न केंद्रीय और जिला जेलों की कुल क्षमता लगभग 15 हजार कैदियों की है, लेकिन इनमें 20 हजार 500 से अधिक कैदी बंद हैं। कोर्ट ने इस स्थिति पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि यह न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि जेलों की सुधार व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है। सुनवाई के दौरान शासन की ओर से बताया गया कि भीड़ कम करने के लिए नई जेलों के निर्माण का कार्य तेज़ किया गया है। विशेष रूप से बेमेतरा जिले में नई जेल का निर्माण लगभग पूर्णता की ओर है और इसी माह इसे तैयार कर लिया जाएगा। हाईकोर्ट ने शासन को नए सिरे से शपथ पत्र देने कहा है। बिलासपुर की नई जेल के लिए ठेकेदार नहीं मिल रहे, सातवीं बार होगा टेंडर सुनवाई के दौरान शासन की ओर से कहा गया कि नई जेलों के शुरू होने से प्रदेश के दूसरे जेलों पर दबाव कुछ हद तक कम होगा। वहीं, बिलासपुर में प्रस्तावित नए जेल का मामला बार-बार टेंडर प्रक्रिया में अटक रहा है। शासन ने कोर्ट को बताया कि बिलासपुर की नई जेल के लिए सातवीं बार टेंडर जारी किया जाएगा। पहले के टेंडर या तो तकनीकी कारणों से निरस्त हो गए या फिर पर्याप्त योग्य ठेकेदार सामने नहीं आए। शपथपत्र में डिटेल देने के निर्देश कोर्ट ने शासन को निर्देश दिया है कि 16 सितंबर तक शपथपत्र के माध्यम से विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए, जिसमें सभी जिलों के जेलों की वर्तमान क्षमता, कैदियों की संख्या, निर्माणाधीन और प्रस्तावित नए जेलों की स्थिति, और भीड़ कम करने के लिए उठाए जा रहे कदमों का स्पष्ट ब्यौरा हो। मां को सजा हुई तो 82 बच्चों को भी जेल में रहने की मजबूरी कोर्ट को बताया गया कि जेल में महिला कैदियों के साथ 82 बच्चे भी हैं। 340 ऐसे कैदी हैं जिनको 20 साल से अधिक कारावास की सजा सुनाई गई है। इनकी अपील सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। प्रदेश की जेलों की कुल क्षमता 15,485 है, जिसमें से 19,476 कैदी बंद हैं। 1,843 कैदी कुशल पेशेवर हैं। 504 वरिष्ठ बंदी है। चार कैदियों ने जेल से भागने की कोशिश की थी। मनोज राज/योगेश विश्वकर्मा 04 सितंबर 2025