लेख
05-Sep-2025
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रक्षा प्राचीन सभ्यता और श्रम संस्कृति दोनों में, श्रम का एक सामान्य रूप है, जिसमें से हम देख सकते हैं, जकन और हिंदू पूर्व, उपर्णशा। इनमें अधिकार शामिल हैं। हथियार सत्य, अहिंसा, आश्चर्य, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य होने चाहिए। यदि मृत्यु धर्म के कारण हो, तो वह अहिंसा है। जियो और जीने दो। भारत में सत्य और अहिंसा के संघर्ष में, श्री मोहनदास गांधी ने अपने सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों को सीखा और अपने जीवन में सत्य और अहिंसा को अपनाकर 1947 में भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराया। आज के यज्ञावर्षण युग में, अहिंसा के पालन से ही, यह सृष्टि पृथ्वी पर विद्यमान है। अंततः इस दुनिया में दो विश्व युद्ध हुए हैं, जिनमें मानव जीवन और अत्यधिक हिंसा मुख्य कारण हैं। जौनपुर के शहर, जिनके शहर गंगा की बारिश से नष्ट हो गए थे और नवरंग, जिनके शहर गंगा की बारिश से नष्ट हो गए थे। आज, सर्वोच्च शक्ति या सर्वोच्च शक्ति जो भगवान की पहुंच से परे है, ने उन्नत देशों को अपनी सुरक्षा के लिए हथियारों का उपयोग करने के लिए मजबूर किया है। सेनाओं के बीच इस प्रतिस्पर्धा के कारण ही विश्व युद्ध होगा और पृथ्वी पर जीवन समाप्त हो जाएगा। इसलिए, आज दुनिया के सभी लोगों के लिए इस धरती पर दिव्य जीवन के लिए अहिंसक जीवन जीने की कला को अपनाना आवश्यक है। भले ही दुनिया के सभी विश्व परम अहिंसा के कारण पर जुटे हों, फिर भी हर साल विश्व स्तर पर सभी दुनिया अहिंसा के मार्ग पर एक दुनिया से दूसरी दुनिया में बदल गई है। केंद्र से केंद्र की ओर बढ़ने की आवश्यकता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है और इसलिए संयुक्त परामर्श होगा।आज चीन विक्ट्री पैरेड कर शांति को भंग करना चाहता है जिसमें विश्व के शक्तिशाली देशों का जमावाड़ा लगा माननीय प्रधानमंत्री जी को शंघाई शिखर सम्मलेन में जाना उचित था या नहीं ऐ देश के वीर जवानों के लहू से आप खुद समझ जायेंगे देश सर्वोपरि है सेना हमारी रक्षा करती है सियाचिन जैसे कठिन ग़लेशियर पर -30 से 40 डिग्री के तापमान पर भी देश की सीमा की रक्षा करते हैं टैरिफ़ ज्यादा हुआ अमेरिका से तो देश में संसाधनों की कमी नहीं है ऑपरेशन सिंदूर के बाद चीन की धरती पर कदम नहीं रखना चाहिए वहाँ पाकिस्तान, तुर्की भी था रूस के राष्ट्रपति पुतिन को भारत की चिंता होती तो भारत आते चीन नहीं जब 26/11/08 के हमले हुए तो यही सोच रहा था कि आतंकवादी से मुक्ति दिलाने वाला सही में वो सरकार नाकाम हुई और 2011 में वर्ल्ड कप में जब इंडिया में मैच देखने मोहाली में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आए तो पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री की खातिरदारी हुई जो आतंक को पालता है लेकिन अब ऐसा लगने लगा है सभी राजनीती पार्टियों को देश से ज्यादा सत्ता की चिंता होती है ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान से नहीं आतंकवादी से युद्ध हुआ और पाकिस्तान की दोहरी नीति सामने आई आतंकवादी को पालना पोसना अतः युद्ध में कूद गया और पाकिस्तान को सबसे ज्यादा किसी ने मदद की है तो वो चीन ही है आप मजे से हैं तो ऐ मत सोचिये की ठीक हो रहा है जो सीमा पर डटे हैं उनसे जाकर पूछिए कितना कष्ट में जीवन यापन करते है खुद के लिए नहीं देश के लिए अतः ऑपरेशन सिंदूर के बाद जब सेना के उप प्रमुख का बयान आता है कि हम तीन फ्रंट पाकिस्तान, चीन और तुर्की से भी लड़ रहें थे तो उनका जज्बा देखिए कभी किसी ने चीन से युद्ध के बारे में खुले तौर पर नहीं कहा लेकिन सेना ने भारत माता के लिए वो दर्द सहा है संघर्ष किया है भारत माता का मस्तिष्क गर्व से ऊँचा किया है हम देश के लिए जिए और देश के लिए मरे यही हमारा उद्देश्य होना चाहिए अमेरिका के सामने एक छोटा सा देश वेनेजुअला ने अमेरिका को डरा दिया कम नहीं है वेनेजुएला के रक्षा मंत्री व्लादिमीर पैड्रिनो लोपेज़ ने घोषणा की है कि कैरिबियन में वाशिंगटन की सैन्य उपस्थिति को लेकर बढ़ते तनाव के बीच, उनका देश संयुक्त राज्य अमेरिका के किसी भी हमले का सामना करने के लिए तैयार है।रविवार को सरकारी मीडिया पर प्रसारित उनकी यह टिप्पणी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा कार्टेल विरोधी अभियानों के लिए इस क्षेत्र में अमेरिकी नौसेना बलों की तैनाती के बाद कराकस और वाशिंगटन के बीच बढ़ते तनाव के बीच आई है भारत तो भगवान राम के आदर्शो पर चलने वाला देश है जहाँ देश ही सबकुछ है मान मर्यादा भी भारत माता के लिए है रविवार को सरकारी मीडिया पर प्रसारित उनकी यह टिप्पणी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा कार्टेल विरोधी अभियानों के लिए इस क्षेत्र में अमेरिकी नौसेना बलों की तैनाती के बाद कराकस और वाशिंगटन के बीच बढ़ते तनाव के बीच आई है भारत 140 करोड़ देश वासियो का देश हैं जो आप महाकुम्भ मेला में उसकी ताकत देख चुके होंगे अतः हम देश के स्वाभिमान के लिए मर मिटने के लिए तैयार हैं जो हमें गुरुगोविन्द सिंह ने सिखाई है कि सत कर्मन से कभी ना डरो इसलिए आज पूजे जाते हैं हर हिंदुस्तानी के दिल में बसते है क्योंकि कभी देश की शान को झुकने नहीं दिया और सारा परिवार शहीद होने के बाद भी अंत अंत तक देश में मानवता की रक्षा की.भारत माता के स्वाभिमान की रक्षा हेतु खालसा पंथ भी बनाया ना तो कभी हारें और हाराना सिखया ऐ देश के प्रति सही शिक्षा हासिल करने से होगी आइये सब मिलकर शिक्षक दिवस पर देश प्रेम की शिक्षा प्राप्त करें क्योंकि जब देश बचेगा तभी हमारी संस्कृती बचेगी और हमारा वजूद रहेगा. भारत माता की रक्षा करना ही शिक्षा का मूल मन्त्र हो देश की सेवा के लिए शिक्षा जरुरी है इसलिए देश के वीर सैनिकों को नमन करता हूँ आज यूक्रेन पर भले ही चीन में सब उसका मज़ाक उड़ा ले लेकिन कभी इतिहास में ऐ भी दर्ज होगा जेलेस्की की बहादुरी और देश प्रेम की भावना जिससे ऐ तो मालूम होगा अपने देश की अखंडता और उसकी संप्रभुता की रक्षा हेतु जो किया वो सही था या गलत अतः देश ही सबकुछ है उसकी मिट्टी में ही जन्मे और मरे भी उसकी मिट्टी में और फिर जन्म भी अपनी मात्रभूमि में लिए.। ईएमएस/05सितंबर2025