वाशिंगटन (ईएमएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रेग्नेंट महिलाओं को ऐसी सलाह दे डाली है इस लेकर विवाद हो गया है। उन्होंने गर्भवती महिलाओं से कहा है कि वे एसिटिमिनोफेन (टाइलेनॉल या फिर पेरासिटामोल) का सीमित ही इस्तेमाल करें नहीं तब इससे बच्चों में ऑटिजम का खतरा बढ़ सकता है। बता दें कि ऑटिजम एक तरह के व्यावहारिक विकार को कहा जाता है। इसमें बच्चें खुद को लेकर सीमित हो जाते हैं और वे दूसरों से संपर्क नहीं रखना चाहते। वहीं इस समस्या का कोई इलाज भी नहीं है। अमेरिका के स्वास्थ्य सचिव रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर के नेतृत्व में कई महीनों तक शोध हुआ। इसके बाद ट्रंप ने कहा कि अगर महिलाएं ज्यादा पेरासिटीमॉल का इस्तेमाल करती हैं, तब बच्चों में ऑटिजम का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिकों ने उनके दावे का खंडन कर रहे है। बता दें कि डॉक्टर बुखार, दर्द या फिर अन्य छोटी-मोटी दिक्कतों में प्रेग्नेंसी के दौरान पेरासिटामॉल को ही सबसे सुरक्षित मानते हैं। वहीं ट्रंप का कहना है कि पेरासिटामॉल या फिर टाइलेनॉल लेना ठीक नहीं है। ट्रंप ने कहा कि महिलाओं को हल्के-फुल्के बुखार में टाइलेनॉल नहीं लेना चाहिए। ट्रंप ने अमेरिका में आम तौर पर दिए जाने वाली वैक्सीन के शेड्यूल में भी बदलाव की बात कही है। उन्होंने कहा कि समझ से बाहर है कि हर बच्चे को हेपैटाइटिस बी का टीका क्यों लग रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों को 12 साल का होने देना चाहिए। ज्यादातर जानकारों का कहना है कि मां से बच्चे में ट्रांसफर होने वाली बीमारियों, लिवर इन्फेक्शन या फिर कैंसर को रोकने के लिए जन्म के एक दिन के बाद ही बच्चों को वैक्सीन लगाई जाती है। ट्रंप ने कहा कि वैक्सीन शॉट्स में मौजूद तत्व भी ऑटिजम को बढ़ावा दे कते हैं। हालांकि इसके चिकित्सकीय प्रमाण नहीं हैं। ट्रंप ने कहा कि एफडीए जल्द ही डॉक्टरों को गर्भावस्था के दौरान टाइलेनॉल को कम करने के लिए नोटिस भेजेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑटिजम अनुवांशिक या फिर पर्यावरणीय कारकों से होता है। ऐसे में इसे पेरासिटामॉल से जोड़ना उचित नहीं है। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप कोरोना महामारी के दौरान भी बिन सिर पैर के बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि कीटाणुनाशनक इंजेक्शन देने से भी कोरोना पर काबू किया जा सकता है। आशीष/ 23 सिंतबर 2025