वाशिंगटन (ईएमएस)। कुछ विशेष विटामिन सीधे आंखों की कार्यप्रणाली पर प्रभाव डालते हैं। इनकी कमी होने पर दृष्टि कमजोर होने लगती है। विटामिन ए आंखों के लिए सबसे अहम विटामिन माना जाता है। यह रेटिना को स्वस्थ रखता है और अंधेरे में देखने की क्षमता बढ़ाता है। इसकी कमी होने पर आंखों में सूखापन, नाइट ब्लाइंडनेस और रोशनी कम महसूस होने जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। लंबे समय तक यह कमी बनी रहे तो कुछ मामलों में स्थायी दृष्टि हानि का खतरा भी बढ़ जाता है। वहीं विटामिन बी12 भी आंखों की सेहत के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह शरीर की नसों और कोशिकाओं के साथ-साथ ऑप्टिक नर्व को सुरक्षित रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी होने पर धुंधला दिखाई देना, रंगों को पहचानने में परेशानी और आंखों की थकान जैसी दिक्कतें सामने आने लगती हैं। खासतौर पर शाकाहारी लोगों में विटामिन बी12 की कमी आम रहती है, क्योंकि इसके प्राकृतिक स्रोत सीमित हैं। दूध, दही, अंडे, चीज और फोर्टिफाइड फूड्स इसके अच्छे स्रोत माने जाते हैं। विटामिन डी को आमतौर पर हड्डियों से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन यह आंखों की नमी और नसों के स्वास्थ्य के लिए भी उतना ही जरूरी है। इसकी कमी से ड्राई आई सिंड्रोम, जलन, खुजली और आंखों की थकान जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। सुबह की धूप विटामिन डी का सबसे अच्छा प्राकृतिक स्रोत है, इसलिए रोजाना कुछ मिनट धूप में रहने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा ऑयली फिश, अंडे की जर्दी और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ भी विटामिन डी की कमी पूरी करने में मददगार होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आंखों की रोशनी बनाए रखने के लिए संतुलित आहार, उचित विटामिन सेवन और नियमित आंखों की जांच बेहद जरूरी है। यदि किसी व्यक्ति को लगातार धुंधला दिखना, रोशनी कम महसूस होना या जलन जैसी समस्या हो रही है, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए और तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से जांच करानी चाहिए। बता दें कि आंखें शरीर का सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण अंग हैं, इसलिए इनकी सही देखभाल और पर्याप्त पोषण बेहद जरूरी माना जाता है। आजकल कई लोग कम उम्र में ही धुंधली दृष्टि, दूर या पास की चीजें साफ न दिखना और लगातार थकान जैसी समस्याओं से जूझते हैं। सुदामा/ईएमएस 22 नवंबर 2025