राष्ट्रीय
10-Dec-2025


नागपुर,(ईएमएस)। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में पुलिस को बड़ी कामयाबी हासिल की है, जहाँ प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के 11 सीनियर और हार्डकोर कैडरों ने महाराष्ट्र की पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि शुक्ला के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वालों में कुल 11 कैडर शामिल है। इसमें दो डिवीजनल कमेटी सदस्य, तीन प्लाटून पार्टी कमेटी सदस्य, दो एरिया कमेटी सदस्य, चार आम पार्टी सदस्य शामिल है। इन सभी पर मिलाकर 82 लाख रुपए का इनाम घोषित था। इतना ही नहीं चार कैडरों ने अपनी वर्दी और हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया। इस आत्मसमर्पण में सबसे बड़ा नाम रमेश उर्फ भीमा उर्फ बाजू गुड्डी लेकामी (57 वर्ष), जो भामरागढ़ एरिया का डिवीजनल कमेटी सदस्य था। छत्तीसगढ़ के सुकमा, बीजापुर, कांकेर और नारायणपुर जिले में महिलाओं ने भी आत्मसमर्पण किया है। यह इस साल का सबसे बड़ा सरेंडर नहीं है, लेकिन इसका महत्व बहुत अधिक है। बात दें कि साल 2025 में अब तक गढ़चिरौली में 112 हथियारबंद माओवादी मुख्यधारा में लौट चुके हैं। अक्टूबर 2025 में पोलित ब्यूरो सदस्य मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति उर्फ सोनू सहित 61 बड़े कैडर ने आत्मसमर्पण किया था। 2005 से अब तक गढ़चिरौली पुलिस के सामने कुल 783 सक्रिय माओवादी हथियार डाल चुके हैं। डीजीपी शुक्ला ने बचे हुए माओवादियों से हथियार छोड़कर सम्मान की जिंदगी जीने की अपील की। माओवादी विचारधारा खोखली साबित हो चुकी है और आम आदिवासी उसकी हिंसा से तंग आ चुके हैं। महाराष्ट्र सरकार की सरेंडर और पुनर्वास नीति उनके लिए अवसर प्रदान करती है। डीजीपी ने सी-60 कमांडो और अधिकारियों को सम्मानित किया, जिन्होंने अक्टूबर में लाहेरी जंगल में भूपति सहित 61 माओवादियों का सरेंडर करवाया था। गढ़चिरौली पुलिस ने प्रोजेक्ट उड़ान - विकास की एक झलक’ नामक एक खास गाइडबुक जारी की। इसका उद्देश्य दूरदराज के आदिवासी इलाकों में चल रही सरकारी योजनाओं की आसान जानकारी देना है। डीजीपी ने कहा कि अब पुलिस सिर्फ सुरक्षा नहीं, विकास का माध्यम भी बनेगी। पुलिस इस सफलता को गढ़चिरौली पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त अभियान का नतीजा मान रही है, जिसे माओवादी आंदोलन के लिए अब तक का सबसे बड़ा झटका बताया गया है। आने वाले दिनों में और सरेंडर होने की उम्मीद है। आशीष दुबे / 10 दिसंबर 2025