ज़रा हटके
21-Jan-2023
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जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव से बढ़ा तापमान नुक (ईएमएस)। ग्रीनलैंड दुनिया के कुछ सबसे ठंडे इलाकों में शामिल है। लेकिन नए डेटा से पता चला है कि ग्रीनलैंड में तापमान 1000 वर्षों में सबसे अधिक है। यह प्रकृति पर जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव को दिखाता है। एक अध्ययन में पाया गया कि तापमान 1995 के बाद से 20वीं सदी के औसत तापमान से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक हो गया है। डेटा से पता चलता है कि ग्रीनलैंड के आइस कोर काफी हद तक गर्म हुए हैं। शोधकर्ता ने कहा कि हमने 1990 के दशक और 2011 के बीच बढ़ते तापमान को करीब से देखा। अब हमारे पास ग्लोबल वॉर्मिंग का एक जीता-जागता सबूत है। जीवाश्म ईंधन की तेजी से खपत वायुमंडल में कार्बन उत्सर्जन का कारण बनती है जिससे हमारा ग्रह गर्म होता है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि ग्लोबल वॉर्मिंग के सबसे बुरे प्रभावों को रोकने के लिए सरकारों को अभी भी आवश्यक कदम उठाने बाकी हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में नवंबर में बताया गया था कि दुनिया के कई प्रसिद्ध ग्लेशियर 2050 तक ग्रह के गर्म होने के कारण गायब हो सकते हैं। एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि दुनिया के दो-तिहाई ग्लेशियरों के 2100 तक गायब होने की उम्मीद है। तापमान में दीर्घकालिक बदलावों के बारे में जानकारी देने वाले ग्रीनलैंड के आइस कोर का विश्लेषण करने में काफी समय लगता है। कोर से डेटा को आखिरी बार 1995 में अपडेट किया गया था जिसमें पाया गया था कि ग्रीनलैंड बाकी आर्कटिक क्षेत्र की तरह तेजी से गर्म नहीं हो रहा है। आशीष/ईएमएस 21 जनवरी 2023