-महाकाल दर्शन से लेकर अन्न क्षेत्र तक दिखी भाजपा नेतृत्व की सादगी -अन्न क्षेत्र में थाली खुद रखकर दिया अनुशासन का उदाहरण उज्जैन (ईएमएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तथा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का उज्जैन प्रवास धार्मिक आस्था के साथ-साथ राजनीतिक संदेशों से भी जुड़ा नजर आया। सोमवार देर रात उज्जैन पहुंचे जेपी नड्डा ने भगवान महाकाल के दर्शन कर शयन आरती में भाग लिया। इसके बाद मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ उन्होंने महाकाल मंदिर में विधिवत पूजन-अर्चन किया। मंगलवार सुबह दोनों नेताओं ने नंदी हाल में लगभग 20 मिनट तक विशेष पूजन किया। इसके पश्चात गर्भगृह में जाकर भगवान महाकाल का अभिषेक किया गया। मंदिर के पुजारी आकाश द्वारा षोडशोपचार पूजन संपन्न कराया गया, जिसे यश और कीर्ति की कामना से जोड़ा जाता है। इस दौरान मंदिर परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे और श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुव्यवस्थित तरीके से नियंत्रित किया गया। धार्मिक अनुष्ठानों के बाद नड्डा और मुख्यमंत्री मोहन यादव महाकाल मंदिर के अन्न क्षेत्र पहुंचे। यहां उन्होंने आम श्रद्धालुओं के साथ बैठकर प्रसादी ग्रहण की। प्रसादी में पोहे परोसे गए, जिसे दोनों नेताओं ने श्रद्धा भाव से स्वीकार किया। खास बात यह रही कि प्रसादी ग्रहण करने के बाद दोनों नेताओं ने स्वयं अपनी थाली उठाकर निर्धारित स्थान पर रखी। इस दृश्य को मंदिर परिसर में मौजूद श्रद्धालुओं और कार्यकर्ताओं ने सहजता और समानता के प्रतीक के रूप में देखा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान का संदेश भी साफ तौर पर दिखाई दिया। अन्न क्षेत्र में भोजन के बाद डिस्पोजेबल सामग्री को स्वयं डस्टबिन में डालकर नेताओं ने स्वच्छता के प्रति जागरूकता का संदेश दिया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि महाकाल की नगरी में सभी श्रद्धालु समान हैं और स्वच्छता बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने श्रद्धालुओं से भी मंदिर परिसर और महाकाल लोक क्षेत्र में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने की अपील की। राजनीतिक दृष्टि से यह दौरा भाजपा के लिए अहम माना जा रहा है। एक ओर जहां यह धार्मिक आस्था से जुड़ा कार्यक्रम था, वहीं दूसरी ओर आगामी सिंहस्थ महाकुंभ को लेकर तैयारियों का जायजा भी लिया गया। नड्डा और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सिंहस्थ में होने वाले विकास कार्यों और व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने का कार्यक्रम भी तय किया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेतृत्व सिंहस्थ को वैश्विक स्तर का धार्मिक आयोजन बनाने की दिशा में गंभीरता से काम कर रहा है। इस पूरे दौरे में भक्ति, स्वच्छता और संगठनात्मक एकजुटता का संदेश साफ तौर पर सामने आया। महाकाल की शरण में पहुंचे भाजपा के शीर्ष नेताओं ने न केवल धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया, बल्कि आम श्रद्धालुओं के साथ बैठकर प्रसादी ग्रहण कर सादगी और समानता का राजनीतिक संकेत भी दिया।