ज़रा हटके
25-Jan-2023
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-ताजा रिसर्च में खुलासा ऐसे नहीं होगा नुकसान लंदन (ईएमएस)। साइंटिस्‍ट ने एक ऐसा तरीका ढूंढ निकाला है जिससे चॉकलेट को हेल्‍दी बनाया जा सकेगा। यानी आप दबाकर खा सकेंगे और कोई नुकसान भी नहीं होगा। ब्रिटेन की लीड्स यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों को लगा कि लोग तो चॉकलेट छोड़ेगे नहीं क्‍योंकि यह उनकी सबसे प्र‍िय चीजों में से एक है तो क्‍यों न एक तरीका विकसित किया जाए जिससे उन्‍हें चॉकलेट खाने से न रोकना पड़े और यह हेल्‍दी भी हो। बस यहीं से रिसर्च की शुरुआत हुई। यूनिवर्सिटी के खाद्य विज्ञान और पोषण स्कूल से जुड़े शोधकर्ता सियावाश सुल्तान अहमदी और उनकी टीम ने पाया कि सारा मामला लुब्रिकेशन यानी चिकनाई का है। चॉकलेट को चिकना कर देने से ही आपके मुंह को पूरी तरह भर देने वाला वो चॉकलेटी स्वाद पैदा होता है। इस ढंग से कि चॉकलेट में पड़ी कुछ खास सामग्रियां हमारी लार में घुल जाती हैं। यानी सबसे महत्‍वपूर्ण है फैट और यही नुकसान भी करता है।आप सोचेंगे फैट है तो नुकसान करेगा ही। जी हां और साइंटिस्‍ट ने इसी का तरीका ढूंढ निकाला है। शोधकर्ताओं का दावा है कि उन्होंने चॉकलेट को और स्वास्थ्यवर्धक बनाने का तरीका खोज निकाला है। कुछ इस तरह कि उसकी बुनियादी खूबी में कोई बदलाव नहीं करना होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक चॉकलेट कई सारी चीजों से बनी होती है। कुछ ठोस पदार्थ होते हैं जैसे चीनी और कोको पार्टिकल। और वो ठोस पदार्थ जो द्रव में बदल जाते हैं जैसे कोको बटर जिसमें फैट होता है। निम्न तापमान में कोको बटर ठोस होता है लेकिन मुंह में जाते ही और जीभ से लगते ही वो तैलीय द्रव में बदल जाता है। उसी वजह से आपको जीभ में एक नाजुक नरम अहसास होता है जो अच्छा लगता है।शोधकर्ताओं ने फैट को कम रखकर एक डार्क चॉकलेट तैयार किया और उसका परीक्षण करने के लिए आर्टिफिशीयल टंग यानी कृत्रिम जीभ बनाई। कृत्रिम जीभ से किए गए परीक्षणों ने दिखाया कि अधिकांश चॉकलेटों के मुकाबले कम फैट वाली चॉकलेटों से भी चिकनाई के जरिए मुंह में वही स्वाद पैदा किया जा सकता है। साइंटिस्‍ट ने बताया कि वे लोग जीरो-कैलोरी चॉकलेट नहीं चाह रहे थे। बस इतना चाहते थे कि फैट वाले हिस्से को यानी कोको बटर को कम किया जाए। एक अध्‍ययन के मुताबिक कम कैलोरी वाली चॉकलेट बनकर तैयार है। हालांकि यह उतनी मीठी नहीं होगी। उसमें मौजूद कोको पार्टिकल की मात्रा को ही प्रतिशत के रूप में चॉकलेट की रैपर पर प्रिंट किया जाता है जैसे कि 70 प्रतिशत या 85 प्रतिशत। सुदामा/ईएमएस 25 जनवरी 2023