राज्य
05-Feb-2023


बोले-कुछ लोग धर्म के नाम पर बांट रहे हैं कल जाति के आधार पर बांटेंगे ग्वालियर (ईएमएस)। ग्वालियर आए पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने दशहरा मैदान थाटीपुर में संत रविदास के व्यक्तित्व को याद करते हुए एक सशक्त प्रदेश और देश चुनने का संकल्प लोगों को दिलाया। पूर्व सीएम बोले हैं कि कुछ लोग आज धर्म के आधार पर बांट रहे हैं कल जाति के आधार पर बांटेंगे। पर हमें तय करना है कि आने वाली पीढिय़ों को हम कैसा देश सौंपना चाहते हैं। संस्कृति हमारी पहचान है। यहां पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने लोगों से कहा कि 7 महीने बाद चुनाव हैं। मैं यह नहीं कहता कि किसी पार्टी को चुनो, लेकिन उसे चुनो जो हमारी संस्कृति और संस्कार को आगे ले जाए। बिना किसी का नाम लिए भाजपा पर किया प्रहार पीसीसी चीफ कमल नाथ ने बिना किसी भाजपा नेता का नाम लिए बिना ही सरकार को आड़े हाथ लिया। उनका कहना था कि 35 साल में पंजाब में अभी तक खालिस्तान का नाम सुनाई नहीं दिया था, लेकिन अब खालिस्तान का नाम सुनाई देने लगा है। लोग संस्कृति, धर्म व जाति के आधार पर बांटने का प्रयास करेंगे, लेकिन हमें सोचना है कि हमारी आने वाली पीढी को हम कैसा प्रदेश व देश सौंपना चाहते हैं। रविदास जयंती पर दलित वोटर को रिझाया रविवार दोपहर मुरैना से होते हुए पूर्व सीएम व पीसीसी चीफ कमल नाथ ग्वालियर पहुंच गए हैं। मिशन 2023 का आगाज वह सिंधिया के गढ़ ग्वालियर-चंबल अंचल से किया हैं। यह वह गढ़ है जिसके कारण साल 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी थी और सिंधिया की नाराजगी के बाद इसी अंचल के कारण 15 महीने की कमल नाथ सरकार मार्च 2020 में गिराई गई थी। अब कमल नाथ ने आज ग्वालियर में रविदास जयंती के सहारे दलित वोटर को रिझाने का काम किया है। कांग्रेस को उनका हम दर्द बताया है। यह दलित वोटर मिशन 2023 में विनिंग फैक्टर होने वाला है। कांग्रेस को 2018 के विधानसभा चुनाव में दलित वोटरों की बदौलत ही ग्वालियर-चंबल अंचल में 33 साल बाद ऐतिहासिक कामयाबी हासिल हुई थी। उस समय अंचल में जीत का श्रेय तब के कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को गया था। यही वजह है 2023 में भी ग्वालियर-चंबल अंचल के दलित वोटरों पर कांग्रेस की नजर है। दलित वोटरों को रिझाने के लिए पीसीसी चीफ पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, दिग्विजय सिंह सहित कई बड़े कांग्रेसी नेता ग्वालियर आए और रविदास जयंती समारो में शामिल हुए। रविवार सुबह ग्वालियर एयरपोर्ट आने के बाद पूर्व सीएम कमल नाथ व दिग्विजय सिंह मुरैना के लिए निकल गए थे। वहां उनके कई कार्यक्रम थे। दोपहर 12.30 बजे वह वापस ग्वालियर लौटे हैं। यहां से वह सीधे शब्द प्रताप आश्रम संत कृपाल सिंह के आश्रम पर मिलने पहुंचे हैं। यहां मीडिया ने कमल नाथ से बातचीत करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने बातचीत नहीं की है। दोपहर 3.30 बजे वह थाटीपुर दशहरा मैदान पर रविदास जयंती के मौके पर कार्यक्रम में शामिल हुए। अब वह कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं दलित वोटर बने थे रिकॉर्ड जीत के गवाह ग्वालियर चंबल अंचल की 7 सीटें एससी के लिए आरक्षित हैं। वहीं अन्य 27 सीटों पर भी दलित वोटरों की बड़ी तादाद है। 2018 में दलित वोटरों की नाराजगी के कारण अंचल में भाजपा का सफाया हो गया था। भाजपा यहां 34 में से महज 7 सीटों पर सिमट गई थी। कांग्रेस ने 1985 के बाद ऐतिहासिक कामयाबी हासिल करते हुए 34 में 26 सीटें जीती थीं। विनोद/05/02/2023