लेख
18-Mar-2023
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हमलोगों में एक बड़ी ही अजीब बात है अगर सामने वाला अपने से कमज़ोर दिखता है तो हम उसकी छोटी सी गलती पर भी भड़क उठते हैं और मार-पीट करने तक के लिए तैयार हो जाते हैं। इसके उलट अगर सामने वाला ताकतवर है तो उसकी बड़ी गलती पर भी खामोश रह जाते हैं। इसकी वजह है हमारी कमज़ोरी। हम अपनी कमज़ोरी को छुपाने के लिए ही कमज़ोर के सामने अपनी ताकत की नुमाईश करते हैं। तकतवर तो वह होता है जो अपनी शक्ति का प्रयोग कमज़ोर पर नहीं करता है। इस संदर्भ में एक कथा उल्लेखनीय है। गुरू गोविंद सिंह जी का एक शिष्य था। एक बार वह गुरू जी के पास आकार बोला कि, आज मार्ग में एक दुबले-पतले व्यक्ति ने मेरा अपमान किया। इस पर मैंने उसकी खूब पिटाई की। गुरू जी ने कहा, यह तो तुमने बहुत ही गलत किया। कुछ दिनों बाद वही शिष्य गुरू जी के पास आया और बोला आज एक व्यक्ति ने फिर मेरा अपमान किया, लेकिन मैंने उसे कुछ नहीं कहा। गुरू जी ने पूछा, वह व्यक्ति कैसा था। शिष्य ने जवाब दिया, काफी हट्ठा-कट्ठा और तंदुरूस्त था। गुरू गोविंद सिंह जी ने कहा कि, तुमने बहुत ही ग़लत किया जो उसे अपमान का उत्तर नहीं दिया। गुरू का उत्तर सुनकर शिष्य बड़ा हैरान हुआ और कहा कि, पिछली बार जब मैंने अपमान करने वाले की पिटाई की तब भी आपने मुझे ग़लत कहा था और इस बार जब मैंने अपमान का कोई उत्तर नहीं दिया तब भी आप मुझे ग़लत कह रहे हैं। आखिर मुझे करना क्या चाहिए? गुरू जी ने शिष्य को समझाया, पिछली बार तुमने एक कमज़ोर व्यक्ति की पिटाई की थी। इस बार तुम्हारा अपमान एक सबल व्यक्ति ने किया था। तकतवर व्यक्ति की पहचान यही है कि, वह कमज़ोर पर हाथ न उठाए और सबल व्यक्ति के द्वार किये गये अपमान को सहन न करे। इस बार तुमने एक सबल व्यक्ति द्वारा किये गये अपमान को सहन कर लिया है इसलिए मैंने तुम्हें गलत कहा है। ईएमएस फीचर