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03-Jul-2025
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पहलगाम और बालटाल से जत्थे हुए रवाना, अब तक 3.5 लाख श्रद्धालु हुए पंजीकृत जम्मू,(ईएमएस)। देश की सबसे पवित्र धार्मिक यात्राओं में से एक अमरनाथ यात्रा आज गुरुवार से विधिवत तौर पर प्रारंभ हो गई। बाबा बर्फानी की गुफा में आज पहली आरती की गई, जिसकी झलकियाँ सामने आई हैं। मंत्रोच्चारण के बीच गुरुवार भोर में हुई इस आरती में श्रद्धालुओं ने हर हर महादेव और बम बम भोले के जयकारों के साथ भाग लिया। यहां भक्तों का जत्था आज बालटाल और नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप से रवाना हुआ। इससे पहले बुधवार को जम्मू के भगवती नगर कैंप से 5,892 श्रद्धालुओं का पहला जत्था जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रवाना किया था। कश्मीर पहुँचने पर प्रशासन और स्थानीय नागरिकों ने श्रद्धालुओं का गर्मजोशी से स्वागत किया। 38 दिन चलने वाली यह यात्रा 9 अगस्त, रक्षाबंधन के दिन सम्पन्न होगी। इस बार अब तक 3.5 लाख से अधिक श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। पिछले वर्ष यह यात्रा 52 दिनों तक चली थी, जिसमें 5 लाख से अधिक लोगों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे। अमरनाथ यात्रा के दो प्रमुख मार्ग हैं, इनमें एक पहलगाम रुट है जबकि दूसरा बालटाल मार्क है। बात पहलगाम रुट की करें तो यह मार्ग अपेक्षाकृत सरल है लेकिन इसमें तीन दिन लगते हैं। इसमें पहला पड़ाव: चंदनवाड़ी (बेस कैंप से 16 किमी) है, इसके बाद पिस्सू टॉप→ शेषनाग (9 किमी), पंचतरणी (14 किमी) है और पंचतरणी से गुफा तक की दूरी मात्र 6 किमी रह जाती है। अब बालटाल रूट की बात करते हैं तो इसमें समय कम होने पर यह मार्ग उपयुक्त होता है। दरअसल इससे अमरनाथ की दूरी केवल 14 किमी है। इसमें कठिनाई है और वह यह कि खड़ी चढ़ाई, संकरे व खतरनाक मोड़ हैं। बुजुर्गों के लिए यह मार्ग असुविधाजनक माना जाता है। पंजीकरण और तैयारियाँ जम्मू में जो पंजीकरण केंद्र बनाए गए हैं उनमें सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन सभा प्रमुख हैं। इन केंद्रों पर प्रतिदिन लगभग 2,000 श्रद्धालुओं का पंजीकरण किया जा रहा है। इस प्रकार बाबा बर्फानी की कृपा से प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु इस कठिन यात्रा को सफलतापूर्वक भक्तिभाव से पूरा करते हैं। इस बार भी श्रद्धालु उत्साहपूर्वक और आस्था के साथ दर्शन के लिए रवाना हो रहे हैं। हिदायत/ईएमएस 03जुलाई25