राज्य
01-May-2023
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नई दिल्ली (ईएमएस)। हसनपुर डिपो के पास बीच सड़क से मजार हटाए जाने के बाद जनता को सड़कों के बीच आ रहे अवरोध हटने की उम्मीद जगी है। लोगों को लग रहा है कि इस तरह अन्य सड़कों पर आ रहे अवरोध भी अब हट सकेंगे। इन अवरोधों में सबसे बड़ी समस्या धार्मिक स्थलों और हरे पेड़ों को लेकर है। एलजी से लेकर दिल्ली सरकार तक चाहती है कि सड़कों से अवरोध हटें, मगर पिछले वर्षों में इस मामले में प्रभावी कार्रवाई नहीं हो सकी है। जबकि 2017 से इन्हें हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी की बात करें तो 77 प्रमुख सड़कों पर यातायात जाम खत्म करने की योजना में सड़क पर पेड़, इलेक्ट्रिक पोल, ट्रांसफार्मर व धार्मिक स्ट्रक्चर रोड़ा बने हैं। इन सड़कों पर इस तरह के कुल 103 मामले हैं, लेकिन पिछले पांच वर्षों में सिर्फ 22 मामलों का ही समाधान निकल पाया था। 29 अप्रैल को हसनपुर डिपो की मजार हटाने के मामले को मान लें तो यह संख्या अब 23 हो गई है। इस हिसाब से अभी भी 76 मामले पेंडिंग हैं। जिसमें 25 पीडब्ल्यूडी और 51 मामले दूसरे विभागों से संबंधित हैं। राजधानी की सड़कों पर यातायात को सुगम बनाने के लिए वर्ष 2017 में इन 77 प्रमुख सड़कों को जाम मुक्त करने की योजना बनाई गई थी। इन सड़कों को जाम मुक्त करने के लिए ए,बी और सी श्रेणी में बांटकर एक्शन प्लान तैयार किया गया था। पहले चरण में शामिल ए श्रेणी की 28 सड़कों का विधिवत अध्ययन कराकर काम शुरू किया गया था। इसमें पीडब्ल्यूडी, यातायात पुलिस और स्थानीय निकायों के अधिकारी शामिल थे। वहीं बी श्रेणी में 30 और सी श्रेणी में 19 सड़कों को शामिल किया गया था। मगर अधिकतर मामलों में अध्ययन अभी भी कागजों में ही है।