राज्य
12-May-2023
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- पीएमटी में शामिल पॉच मुन्नाभाईयो को 5-5 साल की सजा - थाना झांसी रोड ग्वालियर में पदस्थ पुलिसकर्मी को 7 साल की जेल भोपाल/इंदौर(ईएमएस)। साल 2013 में हुए व्यापमं महाघोटाले में कोर्ट ने पीएमटी में दूसरे के स्थान पर परीक्षा में शामिल होने वाले मुन्नाभाईयो को 5-5 साल और साल्वर बैठाकर परीक्षा उत्तीर्ण कर आरक्षक के पद पर चयनित होने वाले आरोपी को 7 साल की जेल की सजा सजा सुनाई है। कोर्ट ने सभी आरोपियो पर अर्थदंड भी लगाया है। पीएमटी प्रकरण के फैसले के बारे में विशेष लोक अभियोजक रंजन शर्मा ने बताया कि यह फैसला विशेष सीबीआई न्यायाधीश संजय कुमार गुप्ता की कोर्ट ने सुनाया है। सजा पाने वाले आरोपी वह है, जिन्होंने दूसरों की जगह परीक्षा में बैठकर उन्हें पास कराया। वहीं दो आरोपियों को आरोप मुक्त कराया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक साल 2013 में हुए प्री मेडिकल टेस्ट में भिंड निवासी रवींद्र कुमार ने परीक्षा का फार्म भरा था। लेकिन उसके स्थान पर ग्वालियर निवासी विक्रांत कुमार परीक्षा में शामिल हुआ। बाद में जब रवींद्र एडमिशन की औपचारिकता पूरी करने के लिए इंदौर के एमजीएम मेडिकल कालेज पहुंचा। वहां फोटो मिलान के दौरान शंका हुई तो जांच हुई और फर्जीवाड़ा सामने आ गया। मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन डीन ने मामले की सूचना पुलिस को दी। बाद में यह मामला सीबीआइ को सौंप दिया गया। जांच के बाद रवींद्र कुमार और विक्रांत कुमार के अलावा फर्जीवाड़े में शामिल रामचित्र जाटव, राकेश खन्ना और ब्रजेश को भी आरोपी बनाया गया। सीबीआई की तरफ से विशेष लोक अभियोजक रंजन शर्मा ने 52 गवाहों के बयान करवाए। सुनवाई पूरी होने पर विशेष न्यायाधीश ने रवींद्र कुमार, रामचित्र जाटव, राकेश खन्ना, विक्रांत कुमार और ब्रजेश को दोषी पाते हुए पांच-पांच साल कारावास सहित 12 से 16 हजार रुपए के अर्थदंड से दण्डित किये जाने के आदेश दिये है। मामले में दो आरोपियो नरेंद्र चौरसिया और अजय यादव को बरी कर दिया। दूसरे प्रकरण में विशेष न्यायालय सीबीआई. (व्यापम केस भोपाल) द्वारा फर्जी आरक्षक वीरेश कुमार पिता गयादीन सिंह जाटव निवासी ग्राम माहो जिला भिण्ड हाल पदस्थापना थाना झांसी रोड ग्वालियर को 7 साल के सश्रम करावास एवं 10 हजार रूपये के जुर्माने से दण्डित किये जाने का फैसला सुनाया है। शासन की और से पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि व्यापम द्वारा आयोजित आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 द्वितीय में आरक्षक के पद पर चयनित वीरेश कुमार जाटव के खिलाफ साल्वर बैठाकर परीक्षा उत्तीर्ण कर आरक्षक के पद पर चयनित होने के संबंध में एसटीएफ भोपाल को शिकायत मिली थी। जाँच में आरोप सही पाये जाने पर वीरेश के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468, 471 भादवि तथा 3 (घ)/4 मध्यप्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम का मामला कायम किया गया था। विशेष न्यायालय सीबीआई (व्यापम केस भोपाल) द्वारा आरोपी वीरेश कुमार जाटव को दोषी करार देते हुए 7 वर्ष सश्रम कारावास एवं 10 हजार रूपये के अर्थदंड से दण्डित किये जाने का फैसला सुनाया गया है। जुनेद / 12 मई